Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar: कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उसे भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया था. हाल ही में भारत सरकार ने 41 आतंकीयों की सूची जारी की थी, जिसमें हरदीप निज्जर का नाम भी शामिल था.
मारा गया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, गोली मारकर हत्या, इंडिया की वांटेड लिस्ट में था शामिल
Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar: कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर
19 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 19 2023 11:30 AM)
सूचना के अनुसार, हरदीप निज्जर को कनाडा के सरी में गोली मारी गई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. वह कनाडा के सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा हुआ था. वह पंजाब के जालंधर जिले का निवासी था. वर्तमान में भारतीय जांच एजेंसियाँ कनाडा की जांच एजेंसियों से इस घटना के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही हैं.
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खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, वह पिछले कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को सपोर्ट कर रहा था. निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी महत्वपूर्ण बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा प्रदान करवाना शुरू कर दिया था.
कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. निज्जर के दो सहयोगियों को फिलीपींस और मलेशिया से कुछ महीनों पहले गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले साल 2022 में पंजाब के जालंधर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के मुताबिक, पुजारी की हत्या की साजिश खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) ने रची थी. निज्जर कनाडा में रहने वाले केटीएफ का प्रमुख था.
NIA की एफआईआर में भी निज्जर का नाम है.
भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उसी दौरान विदेशों में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकवादी ने प्रदर्शन किया था. इस मामले में NIA ने भारत सरकार के खिलाफ भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.
इस एफआईआर के मुताबिक, भारत सरकार के खिलाफ जमीनी अभियानों और दुष्प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन जमा किया गया है, जिसका मकसद लोगों को विदेश में भारतीय दूतावासों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसाना शामिल था. इसमें तीन आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के नाम शामिल थे, जबकि चौथे कॉलम में भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले अज्ञात आतंकवादियों को शामिल किया गया.
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