Qissa Crime ka: देश के जाने माने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया की हत्या के मामले में जो सच निकलकर सामने आ रहा है, वो खेलों के मैदान में माफ़िया की लगती सेंध, और पंजाब से लेकर कनाडा तक फैला कबड्डी के खेल में अरबों का ‘खेल’ भी साफ साफ नज़र आने लगता है।
एक इंटरनेशनल साज़िश थी कबड्डी प्लेयर संदीप की हत्या, बाएं हाथ के शूटर की तलाश में खुला सारा भेद
कबड्डी प्लेयर संदीप की हत्या का सच, इंटरनेशनल साज़िश का शिकार, संदीप की हत्या के पीछे इंटरनेशनल प्लेयर, अंतरराष्ट्रीय साज़िश का खुलासा, पंजाब से कनाडा तक फैले तार
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29 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)
सवाल उठता है कि आखिर ये सब खुला कैसे? कैसे कबड्डी जैसे देसी खेल में डॉलर का विदेशी खेल शामिल हो गया? और इस करोड़ों अरबों के खेल को कैसे आखिर पुलिस ने परत दर परत सुलझाकर एक नया और बेहद चौंकाने वाला पर्दाफ़ाश कर दिया। तो इसकी शुरूआत होती है संदीप नंगल अंबिया की हत्या की वारदात और उसकी तफ़्तीश से। अगर सही मायनों में कहा जाए तो अंधे के हाथ बटेर लगने जैसी कहावत यहां सही साबित हुई है।
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Sandeep Nangal Murder: दरअसल इस क़िस्से की शुरूआत 14 मार्च 2022 को होती है जिस रोज़ पंजाब के नकोदर ज़िले के मल्लिया कलां में संदीप नंगल को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। जालंधर के नकोदर कस्बे के मल्लियां कलां गांव में कबड्डी का महा मुक़ाबला चल रहा था। आस-पास के साथ साथ देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा यहां विदेश से आए कई खिलाड़ी भी मुकाबले में हिस्सा ले रहे थे।
इस मुकाबले में कनाडा के रहने वाले नामी कबड्डी प्लेयर और मेजर कबड्डी लीग के मुखिया संदीप नंगल अंबिया भी शामिल थे। संदीप यहां ख़ुद अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। इत्तेफ़ाक से उसी वक़्त संदीप से मिलने उनके कुछ दोस्त भी इस महामुकाबले में आए। अपने दोस्तों को विदा करने के लिए संदीप बाकायदा स्टेडियम के बाहर तक आए थे।
अपने दोस्तों को स्टेडियम के बाहर छोड़कर जैसे ही संदीप मैदान की तरफ वापस मुड़े तो गजब हो गया। न जाने कहां से भीड़ से निकले कुछ गुमनाम क़ातिलों ने पीछे से आकर संदीप पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एक दो तीन और पूरी पचास गोलियों से संदीप का जिस्म छलनी कर दिया।
Qissa Crime ka: ताबड़तोड़ चली गोलियों से सारा इलाक़ा दहल गया। और जैसे ही बात ये सामने आई कि क़ातिलों ने संदीप को गोलियों से भून डाला तो प्रोग्राम पर ही ग्रहण लग गया। और पूरे इलाक़े में भगदड़ सी मच गई। क्या खिलाड़ी, क्या रेफरी और क्या दर्शक सभी संदीप की तरफ दौड़े, आनन-फ़ानन में संदीप को उठा कर अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन 50 गोली लगने के बाद संदीप के बचने की तमाम उम्मीद ख़त्म हो गई थी। डॉक्टरों ने भी संदीप नंगल को अस्पताल पहुँचते ही मुर्दा क़रार दे दिया।
चूंकि संदीप का नाम कबड्डी की दुनिया में काफी बड़ा था। और तो और वो ख़ुद एक कबड्डी फेडरेशन के मुखिया थे ऐसे में उनका दिनदहाड़े भीड़ के बीच क़त्ल किया जाना पूरे देश की सुर्खियों में छा गया। खेल प्रेमी, और गांव के लोग तो परेशान थे ही। मगर सबसे ज्यादा परेशान थी पुलिस जिसके हाथ पूरी तरह से खाली थे।
इसी बीच पुलिस के हाथ एक वायरल वीडियो लगा। वो संदीप के क़त्ल का ही वीडियो था, जिसे किसी ने फायरिंग के वक़्त अपने मोबाइल से शूट कर लिया था और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। ये बात भी जालंधर की हद में नहीं रही बल्कि जंगल की आग की तरह पूरे देश में फैल गई।
Sandeep Nangal Murder Story: पुलिस के लिए क़त्ल की गुत्थी को सुलझाना और वो भी जल्दी, एक चुनौती बन गई। क्योंकि क़ातिलों का पुलिस को कोई सुराग़ नहीं मिला था। पुलिस संदीप से मिलने आए उसके दोस्तों का रिकॉर्ड खंगाल रही थी। साथ ही उन लोगों को खंगालना शुरू कर दिया जिनकी संदीप से किसी भी तरह की अदावत थी। लेकिन पुलिस के हाथ खाली के खाली ही बने रहे। लेकिन उस वायरल वीडियो ने सामने आकर पुलिस की गुत्थी एक झटके में सुलझा दी।
वैसे तो संदीप की हत्या की वारदात किसी CCTV कैमरे में क़ैद नहीं हो सकी। मगर मोबाइल फ़ोन का वीडियो पुलिस के लिए वरदान साबित हुआ। पुलिस ने पूरे वीडियो को स्कैन करना शुरू किया। वैसे तो उस वीडियो में फायरिंग करते हुए बदमाश और ज़मीन पर तड़पते संदीप के अलावा आस पास की अफ़रा तफ़री दिख रही थी। तभी पुलिस को एक चौंकानेवाली बात नज़र आई।
पुलिस की निगाह एक ऐसे शूटर पर पड़ी, जो संदीप पर बांये हाथ से पिस्तौल चलाकर गोली मार रहा था। यानी वो शूटर लेफ्ट हैंडर था। पुलिस के लिए इतना क्लू काफ़ी था। क्योंकि ये ऐसा सुराग़ था जो आमतौर पर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन गैंगस्टर औरगिरोहों पर नज़र रखते वक़्त पुलिस के लिए बड़ी काम का होता है।
Qissa Crime ka: ज़ाहिर है पुलिस की तफ़्तीश अब उन तमाम लेफ्ट हेंडर गैंगस्टर को तलाश करने में जुट गई जिनका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद था। जांच की आंच आगे बढ़ी और सीधा हरियाणा के गैंगस्टर कौशल चौधरी पर जाकर टिक गई। हालांकि कौशल चौधरी उस वक़्त जेल में ही बंद था।
लेकिन पुलिस ने जब कौशल चौधरी से पूछताछ की तो एक चौंकाने वाला सच सामने आ गया। क्योंकि कौशल ने ही पुलिस को बताया कि विकास माल्हे उसका गुर्गा है और वो लेफ्ट हेंडर है। और कौशल चौधरी ने ही उसे इस मर्डर के लिए कहा था।
ज़ाहिर है इतना सब कुछ पता लगने के बाद पुलिस की टीमें उन तमाम छुट्टे गुर्गों की तरफ दौड़ पड़ीं जिनका ताल्लुक कौशल चौधरी गैंग से था।
Sandeep Nangal Murder: पुलिस ने कौशल चौधरी गैंग के पीछे पूरी ताक़त लगा दी। इसी बीच एक के बाद एक कई लोगों के नाम सामने आने लगे जिनका कोई न कोई ताल्लुक संदीप की हत्या से था। और हरेक किरदार का लिंक सीधा तिहाड़ जेल में बंद कौशल चौधरी से जाकर मिलने लगा। पुलिस ने जब और पन्ने खंगाले तो संगरूर जेल में बंद फतेह सिंह और अमित डागर के साथ साथ होशियारपुर जेल में बंद सिमरनजीत सिंह उर्फ़ जुझार सिंह का रोल भी सामने आ गया।
पुलिस को ये तो अंदाज़ा हो गया कि संदीप नंगल की हत्या के मामले की इस बिखरी हुई कड़ी में जितने भी किरदार हैं, उनमें से ज़्यादातर गैंगस्टर खुद जेल में बंद थे। ऐसे में पुलिस को क़त्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए किरदारों को तलाश करने में कोई दिक्कत नहीं हई। लेकिन इन किरदारों से जो क़िस्सा सामने आया उसने इस पूरे मामले की जो तस्वीर सामने निकलकर आई तो पुलिस के होश फ़ाख़्ता हो गए।
International Conspiracy: असल में ये एक अंतरराष्ट्रीय ख़िलाड़ी के ख़िलाफ़ एक इंटरनेशनल साज़िश का नतीजा थी। क्या अजीब इत्तेफ़ाक था कि जिस कबड्डी के खेल ने संदीप नंगल अंबिया को संदीप नंगल बनाया उसी कबड्डी के खेल की कमाई ने उसके पाले में मौत की गहरी खाई खोद दी, जिसमें गिरकर संदीप की जिंदगी की सांसें टूट गईं।
असल में ये कबड्डी के दो फेडरेशन के बीच छिड़ी एक वर्चस्व की ऐसी लड़ाई थी, जिसका एक सिरा सात समंदर पार कनाडा में जाकर मिलता था। पुलिस की गहरी छानबीन पर यकीन किया जाए तो इस क़त्ल की साज़िश में कई लोग शामिल थे, लेकिन जिन बड़े चेहरों का नाम इस क़त्ल के मास्टरमाइंड यानी मुख्य साज़िशकर्ता के तौर पर सामने आया है, वो दरअसल कनाडा का रहनेवाला एक NRI और कबड्डी माफ़िया सनोवर ढिल्लों था। जबकि मोगा से आनेवाला एक दूसरा NRI सुखविंदर सिंह और लुधियाना का NRI जगजीत सिंह इस साज़िश के असली हिस्से थे।
Murder & International Conspiracy: पुलिस की जांच में कबड्डी और क्राइम का जो कॉकटेल सामने आया, उसने पुलिसवालों के साथ साथ हरेक को बुरी तरह से हैरान कर दिया।
इस पूरे क़िस्से में पैसा है, ड्रामा है, इमोशन है और क्राइम है। पुलिस की मानें तो संदीप नंगल मेजर कबड्डी लीग के सर्वेसर्वा थे। जिससे देश-विदेश के कई नामी खिलाड़ी जुड़े हुए थे। लेकिन संदीप तो कबड्डी के इस खेल का एक चेहरा भर था, असल में इस मेजर कबड्डी लीग की असली कमान तो जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के हाथों में थी।
चूंकि कबड्डी का ये खेल बीते कुछ अरसे के दौरान दुनिया भर में शोहरत और दौलत का खेल बन चुका है। इस खेल में पैसों की बरसात हो रही थी। ज़ाहिर है कि जब खेल के मैदान में पैसा बरसता है तो विदेशों में बैठे धन्नासेठ उस बरसते हुए पैसे से खुद तरबतर होने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देते।
Police Investigation of Murder: यही हाल कनाडा में बैठे सनोवर ढिल्लों का था जिसे कबड्डी फेडरेशन, लीग और कबड्डी चैंपियनशिप के आयोजन में दो दूनी पांच फ़ायदा नज़र आने लगा। कहते हैं कि सनोवर ने संदीप नंगल से मेजर कबड्डी लीग छोड़ कर उसके नेशनल कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ ओंटारियो से जुड़ने का एक ऑफर दिया था, लेकिन संदीप ने मना कर दिया था।
बस इतना सा इनकार उसे अखर गया। उसे लगा कि संदीप और मेजर कबड्डी लीग के रहते हुए उसके ओंटारियो वाले फेडरेशन को वो कामयाबी नहीं मिल पाएगी जिसका वो सपना देख रहा है। और अगर संदीप को माइनस कर दिया जाए तो कामयाबी का रास्ता खुला नज़र आने लगा। बस यहीं से संदीप नंगल के क़त्ल की बुनियाद पड़ गई
एक बार ज़ेहन में संदीप को रास्ते से हटाने का ख़्याल आया नहीं कि सनोवर और उसके साथियों ने बड़ी शिद्दत से पंजाब में उन गैंगस्टरों की तलाश तेज़ कर दी जो जेल में बंद जग्गू भगवानपुरिया के सामने डटकर खड़े हो सके।
International Conspiracy: इसी तलाश के दौरान दविंदर बंबीहा गुट का कौशल चौधरी नज़र आया। और उसने कमिटमेंट भी दे दी। और इस तरह क़त्ल के लिए कौशल चौधरी ने अपने उन गुर्गों को इस क़त्ल की सुपारी दे दी, जो डेयरिंग करने में हमेशा आगे रहते थे। उसी गुट में शामिल था लेफ्ट हेंडर शूटर विकास माल्हे। जिसे पंजाब की जालंधर पुलिस के साथ साथ दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भी ऑपरेशन शुरू किया।
हालांकि जिस शूटर की तस्वीर से बात शुरू हुई थी, उसका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा था। मगर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आखिरकार एक दबिश में विकास माल्हे को डीएनडी फ्लाइओवर के पास दबोच ही लिया।
अब साज़िश कर्ताओं के चेहरे से नक़ाब हट चुका है और ज़्यादार शूटर और लोकल फेसलिटेटर यानी जुर्म के भागीदार पकड़े जा चुके हैं... लेकिन एक इंटरनेशनल कबड्डी प्लेयर के इस दर्दनाक क़त्ल की इस साज़िश ने हर किसी को हैरान कर दिया है।
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