सुखदेव गोगामेड़ी के कातिल शूटर को लेडी डॉन पूजा सैनी ने गुप्त घर में छुपाया था, 25 घंटे डोर-टु-डोर जांच करते पुलिस को मिला था सुराग

Lady Don Pooja Saini : लेडी डॉन पूजा सैनी की शातिर चाल. ऐसे छुपाया था सुखदेव के कातिल शूटरों को. 28 नवंबर को ही आ गया था शूटर नितिन.

पूजा सैनी और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (फाइल फोटो)

पूजा सैनी और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (फाइल फोटो)

12 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 12 2023 2:45 PM)

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जयपुर से विशाल शर्मा की रिपोर्ट

Sukhdev Singh Murder : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या से पूर्व करीब 1 सप्ताह तक शूटर नितिन फौजी को अपने घर में रखने वाली पूजा सैनी (Pooja Saini) को गिरफ्तार किया गया. पूजा सैनी अपने पति के साथ 48 इन्कम टेक्स कॉलोनी जगतपुरा जयपुर में किराये के फ्लेट में पूजा बत्रा के नाम से रहती है. पूजा सैनी का पति महेन्द्र कुमार उर्फ समीर घर से फरार है. महेन्द्र कुमार उर्फ समीर कोटा का हिस्ट्रशीटर है, जिसके खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट, हथियार तस्करी इत्यादि दो दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने इसे 24 से 25 घंटे लगातार डोर-टु-डोर लोगों की जांच करते हुए पूजा सैनी तक पहुंची थी. 

 

किराए की टैक्सी से 28 नवंबर को पहुंचा था नितिन फौजी

Lady Don Pooja Saini : दरअसल हत्याकांड से पहले हिसार से किराये की टैक्सी से नितिन फौजी 28 नवंबर को जयपुर के प्रताप नगर चौपाटी पहुँचा, जहाँ से महेन्द्र कुमार उर्फ समीर व पूजा सैनी ने चौपाटी से नितिन फौजी को अपनी गाड़ी में बिठाया और अपने फ्लेट पर लेकर आ गया. इस मकान में एक लड़का और लड़की भी किराये पर रहते हैं. महेन्द्र उर्फ समीर ने इन दोनों को दूसरे कमरे में शिफ्ट किया और उनके कमरे में नितिन फौजी को रूकवाया. इस कमरे का गेट हमेशा बंद रखा जाता था और लड़का व लड़की इसके कमरे में नहीं जा सकते थे और ना ही इससे बात कर सकते थे. पूजा सैनी द्वारा खाना तैयार किया जाता और नितिन फौजी को उसके कमरे में खाना दिया जाता था. वहीं महेन्द्र मेघवाल उर्फ समीर करीब डेढ़ साल से इस फ्लेट में किराये से रहता है, वह अपने मोबाइल से रोहित गोदारा व विरेन्द्र चारण की नितिन फौजी से बात करवाता था. 

'बेस्ट ऑफ लक' कहकर दोनों को रवाना किया था

घटना वाले दिन महेन्द्र कुमार उर्फ समीर आधा दर्जन से अधिक पिस्टल व भारी मात्रा में कारतूस दिखलाये. इन हथियारों में से नितिन फौजी ने अपने लिए दो पिस्टल व दो मैग्जीन रखी तथा एक पिस्टल मय मैग्जीन व एक अतिरिक्त मैग्जीन दूसरे शूटर के लिए रखी. साथ ही महेन्द्र उर्फ समीर ने 50-50 हजार की दो नोटो की गड्डी नितिन फौजी को दोनों शूटर्स के लिए दी. सुबह करीब 10 बजे नितिन फौजी को महेन्द्र उर्फ समीर अपनी गाड़ी में बिठाया और उसको लेकर अजमेर रोड़ पर पहुँचाया. जहां पूर्व से शूटर रोहित राठौड़ इंतजार कर रहा था. महेन्द्र कुमार ने अपनी कार में रोहित राठौड़ को बिठाया उसे एक पिस्टल मय मैग्जीन व एक अतिरिक्त मैग्जीन तथा 50 हजार रुपये दिये. 

फिर दोनों को गाड़ी से नीचे उतारा था Best of Luck कह कर रवाना हो गया. पुलिस को महेन्द्र उर्फ समीर के घर की तलाशी में कई वाहनो की आरसी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मैमोरी कार्ड मिले है. वही हथियार तस्करी के लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नेटवर्क संचालित करने के अहम सबूत मिले है. इस बात के भी तथ्य सामने आ रहे है कि लॉरेन्स गैंग द्वारा जयपुर में घटित की गई कई गंभीर वारदातों या घटित होने से पहले रोकी गई वारदातों में हथियार सप्लाई महेन्द्र कुमार उर्फ समीर व उसकी पत्नी द्वारा किये गये है. दोनों एक साथ जाकर हथियार सप्लाई करते है, जिससे किसी को शक ना हो. यही वजह है कि महेन्द्र कुमार उर्फ समीर भारी हथियारों का जखीरा लेकर फरार हो गया है जिसकी तलाश सरगर्मी से जारी है. बता दे कि राजू ठेहट हत्याकांड में भी यह बात सामन आई थी कि जयपुर में एक एके 47 किसी को दी गई थी. इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह वहीं एके 47 है. महेन्द्र कुमार उर्फ समीर के घर की तलाशी के दौरान पूजा के मोबाईल में उसके फ्लेट में रखी हुई एके 47 के फोटो मिली है.

रोहित राठौड़ द्वारा फरार होने के उद्देश्य से खरीदी गई मोटरसाइकल

महेन्द्र कुमार उर्फ समीर ने रोहित राठौड़ को मोटर साईकिल खरीदने के लिए 20 हजार रुपयें दिये गये थे, उक्त रुपयें देकर डाउनपेमेन्ट से रोहित राठौड़ ने मानसरोवर स्थित एसपी मोटर्स से एक मोटरसाईकिल स्वयं के नाम से 29 नवंबर को खरीदी थी. वही रोहित राठौड़ ने घटना वाले दिन समय करीब 11 बजे सुबह सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मकान के साईड में गली में इस मोटरसाईकिल को खड़ा किया और दो हैलमेट लगा चाबी अपने पास रख ली. इस मोटर साईकिल से दोनों शूटर्स को फरार होना था. घटना के बाद जैसे ही दोनों शूटर्स इस मोटर साईकिल वाले स्थान पर पहुँचे तो मोटर साईकिल वहां पर नहीं मिली. इस कारण स्कूटी छीन्न का भागना पड़ा. जहाँ मोटर साईकिल खड़ी की गई थी, उसके सामने निर्माण कार्य चल रहा था. किसी के नहीं आने पर मजदूरों ने उसे दूसरी साईड में खड़ा कर दिया. इस कारण शूटर्स इस मोटरसाईकिल का उपयोग नही कर सके. पुलिस ने इस मोटर साईकिल को भी जप्त कर लिया. अब पुलिस महेन्द्र मेघवाल की तलाश में जुटी है.

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