कितना लंबा चलेगा रूस-यूक्रेन युद्ध? मैदान-ए-जंग में और कितने दिन टिक पाएगा यूक्रेन? पढ़िए क्या है युद्ध के समीकरण?

कितना लंबा चलेगा रूस-यूक्रेन युद्ध? मैदान-ए-जंग में और कितने दिन टिक पाएगा यूक्रेन? पढ़िए क्या है युद्ध के समीकरण?

CrimeTak

02 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:14 PM)

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अब कीव पर कब्ज़ा करने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा.

युद्ध कई दिन और लंबा खिंच सकता है.

संभावना है कि 7 मार्च तक रूस, यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर सकता है.

7 मार्च तक यूक्रेन पर कब्ज़ा करेगा रूस

Ukraine Russia War: रूस के यूक्रेन पर हमले के दो दिनों के भीतर यूक्रेन पर कब्जा कर लिये जाने की संभावना थी, लेकिन छह दिन के बाद भी यूक्रेन और रूस की लड़ाई किसी मुकाम पर नहीं पहुंची है। डिफ़ेंस एक्सपर्ट बताते हैं कि रूसी सेना अब कीव को चारों तरफ़ से घेर चुकी है. अब कीव पर कब्ज़ा करने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा. लेकिन जिस तरीके से यूक्रेन लगातार मज़बूती के साथ सामना कर रहा है हो सकता है रूस का ये प्लान जल्दी सफ़ल ना हो पाए.ऐसे में युद्ध कई दिनों तक और लंबा खिंच सकता है.एक्सपर्ट्स बताते हैं कि संभव है कि 7 मार्च तक रूस, यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर सकता है.

अंतर्राष्ट्रीय दबाव में रूस!

यूक्रेन पर कब्जे को लेकर रूस का आकंलन सही नहीं निकला। यूक्रेन पर जैसे ही संकट की घड़ी आई वहां के नागरिक भी युद्ध के मैदान में आ गए.यही वजह है कि कई देशों से भी उसे मदद मिलने लगी.अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते रूस की कोशिश ही कि आम नागरिक को ज़्यादा नुकसान ना पहुंचे.जिसके चलते युद्ध ज़्यादा दिन तक खिंच गया.इसीलिए किसी मुकाम तक पहुंचने में अभी और ज़्यादा समय लग सकता है.

युद्ध से पूरी दुनिया को होगा नुकसान

रूस का अंदाज़ देखकर ये तो साफ है कि वो अब किसी भी सूरत में पीछे हटने वाला नहीं है। ये बात तो स्पष्ट है कि युद्ध दो ही स्थिति में ख़त्म हो सकता है. पहला तो वो जिसकी उम्मीद रूस को शुरुआती दौर में ही थी, यानी की यूक्रेन का आत्मसमर्पण. दूसरा, रूस यूक्रेन पर कब्ज़ा कर ले.हालाकि ऐसा होने में अभी और समय लग सकता है. लेकिन यूक्रेन अब और ज़्यादा समय तक मैदान में नहीं टिक सकता है.युद्ध के ज़्यादा व्यापक होने की आशंका नहीं के बराबर ही है क्योंकि नाटो देश पहले ही अपना रूख स्पष्ट कर चुकी हैं. हालाकि इस युद्ध से पूरी दुनिया को ही नुकसान होगा. इसीलिए युद्ध जितना ज़्यादा लंबा चलेगा नुकसान भी उतना ही ज़्यादा होगा.

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