Homi Jehangir Bhabha Mystery: होमी जे भाभा, यानी होमी जहांगीर भाभा (Homi Jehangir Bhabha) की हत्या की गई थी और शक के दायरे में आज भी है अमेरिका (America) की बदनाम खुफिया एजेंसी CIA. और ये सब यूं ही नहीं है...बाकायदा इसके कुछ ऐसे प्रमाण भी मौजूद हैं जिसमें CIA के उस एजेंट का कबूलनामा भी है जिसमें उसने भाभा के खिलाफ रची गई CIA की साज़िश का खुलासा भी किया था और भाभा की मौत पर संवेदना भी जताई थी।
Homi J. Bhabha Mystery: हो गया CIA की साज़िश का खुलासा, खुद पूर्व एजेंट ने पत्रकार के सामने खोला साइंटिस्ट की मौत का पूरा राज़
Homi Bhabha Death Mystery: CIA के पूर्व एजेंट ने खुद पत्रकार के सामने ये कबूल किया कि भारत के साइंटिस्ट होमी भाभा को मरवाने की साजिश खुफिया एजेंसी ने रची थी।
ADVERTISEMENT
25 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)
उस CIA एजेंट का नाम था रॉबर्ट ट्रमबुल क्रॉवले (Robert Trumbull Crowley)। क़रीब साढे 6 फुट की कद काठी वाले क्रॉवले 1986 में अमेरिका की स्पेशल मिलिट्री सर्विस यानी आर्मी रिजर्व से रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के वक़्त रॉबर्ट टी क्रॉवले की रैंक थी लेफ्टिनेंट कर्नल।
ADVERTISEMENT
उनके रिटायरमेंट के करीब सात साल बाद 1993 में एक अमेरिकी पत्रकार ग्रेगरी डगलस (Gregory Douglas) ने उनसे संपर्क किया था। असल में सीआईए में रॉबर्ट टी क्रॉवले का ज्यादातर वक्त डिपार्टमेंट ऑफ डर्टी ट्रिक में ही बीता था। ये खुफिया एजेंसी का वो महकमा है जहां दुनिया भर में खुफिया एजेंसी सीआईए कहां किस तरह से कैसे काम करेगी उसकी सारी प्लानिंग इसी महकमे में होती थी। जो सीधे तौर पर सीआईए के डायरेक्टर के मातहत आता है। इसे डायरेक्ट्रेट ऑफ प्लान भी कहा जाता है।
Homi Jehangir Bhabha Death:रॉबर्ट टी क्रॉवले की करीब तीन साल तक यानी 1993 से लेकर 1996 तक लगातार बात होती रही। असल में डगलस सीआईए के कार्यकलापों के साथ साथ उनके काम करने के तौर तरीकों के बारे में रॉबर्ट टी क्रॉवले से जानकारी हासिल की थी। और उसी बातचीत के दौरान रॉबर्ट टी क्रॉवले ने भारत के न्यूक्लियर साइंटिस्ट होमी जहांगीर भाभा के बारे में भी सीआईए के ऑपरेशन के बारे में खुलासा किया था।
अपनी बातचीत के दौरान रॉबर्ट टी क्रॉवले ने ये बात मानी थी कि भारत के होमी जहांगीर भाभा एक जीनियस साइंटिस्ट होने के साथ साथ एक देशभक्त भी हैं। चूंकि भाभा न तो धमकियों से डरने वाले हैं और न ही उन्हें खरीदा जा सका, इसीलिए उनका ये इंतजाम किया गया।
पत्रकार डगलस के साथ अपनी बातचीत में रॉबर्ट टी क्रॉवले ने बड़ी ठसक से ये बात कही थी कि CIA अगर चाहती तो उस हवाई जहाज को विएना के आसमान पर ही उड़ा सकती थी। लेकिन उसे जानबूझ कर मोंट ब्लांक की पहाड़ियों पर क्रैश किया गया ताकि बर्फीली पहाड़ियों को बलि का बकरा बनाया जा सके।
CIA Agent Reveal : यानी पत्रकार डगलस के साथ हुई बातचीत में खुद सीआईए के पूर्व एजेंट ने इस बात को कबूल किया है कि होमी जहांगीर भाभा की मौत जिस हवाई दुर्घटना में हुई थी, उसके बारे में अमेरिकी खुफिया एजेंसी पहले से ही जानती थी।
यानी बात शीशे की तरह साफ हो जाती है कि होमी जहांगीर भाभा को इसलिए खामोश करना अमेरिकी खुफिया एजेंसी के लिए जरूरी हो गया था क्योंकि अमेरिका किसी भी हाल में भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को आगे बढ़ने से रोकना चाहता था। ये बात खुद रॉबर्ट टी क्रॉवले ने मानी थी कि होमी जहांगीर भाभा की मदद से भारत परमाणु बम बनाने के बहुत नज़दीक पहुँच चुका था और उन्होंने इस बात को ऐलानिया कह भी दिया था।
‘’भारत सिर्फ 18 महीने में परमाणु बम बना सकता है, बशर्ते पूरी छूट मिले’’ ये बात किसी और ने नहीं, बल्कि हिन्दुस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले होमी जहांगीर भाभा ने कही थी, और वो भी ऑल इंडिया रेडियो पर एक इंटरव्यू के दौरान।
ये वाकया 1965 के नवंबर महीने का है...लेकिन सिर्फ तीन महीने के बाद ही 24 जनवरी 1966 को एक विमान हादसा होता है। एअर इंडिया का बोइंग 707 विमान लंदन जाते वक़्त फ्रांस में एल्प्स की पहाड़ियों से टकराकर क्रैश हो गया और हिन्दुस्तान गम के समंदर में डूब गया क्योंकि इस विमान हादसे ने हिन्दुस्तान के सबसे बड़े वैज्ञानिक और परमाणु कार्यक्रम में भारत को खुदमुख्तार बनाने का सपना देखने वाले होमी जहांगीर भाभा की जान ले ली थी।
ADVERTISEMENT