Hathras Stampede Update: हाथरस का फुलरई गांव का मंजर किसी श्मशान से कम नहीं है। मंगलवार को उसी जगह पहले सत्संग हुआ और उसके बाद हुआ मौत का तांडव। सत्संग में मची भगदड़ के बाद बाबा भोले उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल सिंह जाटव 'अंडरग्राउंड' हो गया। यूपी पुलिस कासगंज में बाबा के पैतृक गांव बहादुर नगर पटियाली के आश्रम पर लगातार दबिश दे रही है। इसके अलावा पुलिस ने मैनपुर के बिछवा के आश्रम पर भी नजरें टिका दी हैं। मगर बाबा तो दूर पुलिस को अभी तक बाबा की कोई परछाईं तक नहीं मिली। इसी बीच बाबा के जिस आश्रम का पता चला वो किसी रहस्यलोक से कम नहीं है। कासगंज के पटियाली में बने उस भव्य आश्रम के बारे में जो खुलासा सामने आया उससे ये पता चलता है कि वहां बाबा की मर्जी के बिना कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
Hathras Stampede: किले से कम नहीं है बाबा का 'बहादुर नगरी धाम', ढाई एकड़ जमीन पर बना 'White House', आगरा में है एक 'Safe House'
03 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 3 2024 3:38 PM)
Hathras Stampede News: हाथरस में बाबा भोले के सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे के बाद से ही पुलिस को बाबा भोले की तलाश है। इसी बीच बाबा के कुछ आश्रमों का जब खुलासा हुआ तो हैरानी बढ़ गई। क्योंकि बाबा के तमाम आश्रम किसी किले से कम नहीं हैं, जबकि उसकी शान उसके घर व्हाइट हाउस में देखने को मिलती है जो करीब ढाई एकड़ जमीन पर बना हुआ है।
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कई राज्यों में फैला 'बाबा' का वैभव
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खुलासा ये है कि भोले बाबा का आश्रम जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह बाबा का पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। बाबा भोले ने एक नारायण हरि चेरिटेबल ट्रस्ट के तहत ही आश्रम बनाया था। ये आश्रम कई बीघा जमीन पर बनाया गया है। इसी आश्रम को बाबा के अनुयायी बहादुर नगरी धाम बताते हैं। बाबा के बारे में ये भी पता चला है कि केवल पटियाली ही नहीं बल्कि कासगंज, एटा, बदायूं, फर्रुखाबाद, हाथरस, अलीगढ़ के अलावा दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में भोले बाबा के नाम की धूम है और हजारों लाखों लोग देश में उनके अनुयायी बन चुके हैं।
30 बीघा जमीन पर बना मैनपुरी का बिछवा आश्रम
पता ये चला है कि मैनपुरी के बिछवा में भी करीब 30 बीघा जमीन पर बाबा का एक आश्रम बना है। जानकारी के अनुसार, भोले बाबा नारायण साकार विश्व बाबा हरि की तलाश में मैनपुरी पुलिस बिछवा इलाके में पहुंची है। पुलिस को खबर यही मिली सबकी नज़रों से बचने के लिए बाबा के इसी बिछवा आश्रम में छुपा हुआ है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक बाबा मंगलवार की रात इसी आश्रम में आकर रुका था।
एक हेक्टेयर जमीन पर बाबा का 'White House'
सिपाही से साकार बाबा बने एसपी सिंह का वैभव उनके 'व्हाइट हाउस' में देखने को मिलता है। एक हेक्टेयर यानी करीब ढाई एकड़ जमीन पर बने इस परिसर में आवास के साथ आश्रम भी है। इसे किलेनुमा अंदाज में बनाया गया है। बाहरी दीवारें सफेद रंग में हैं, जबकि मुख्य दरवाजा सोने के रंग से रंगा हुआ है जबकि आश्रम की छत लाल रंग की है। ऊंचाई इतनी है कि बाहर से कोई झांक भी न सके।
12 फुट ऊंची दीवारों से घिरा पटियाली आश्रम
नौकरी से त्यागपत्र देने के बाद पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम बहादुर नगर निवासी सूरज पाल ने पैतृक गांव में एक हेक्टेयर से अधिक भूमि पर आश्रम की स्थापना वर्ष 1992 में की। पटियाली-सिढ़पुरा मार्ग पर आश्रम का मुख्य गेट है। आश्रम की स्थापना के साथ इनका नाम साकार विश्व हरि (भोले बाबा) हो गया। पटियाली आश्रम की सुरक्षा किसी किले की तरह होती है। 12 फीट ऊंची दीवारों से घिरे इस आश्रम में कई सेवादार हरदम चौकन्ने रहते हैं। आश्रम के भीतर सुरक्षा की कई चौकियां भी बनी हुई हैं।
आश्रम के भीतर चलते हैं बाबा के बनाए कानून
इस आश्रम की हिफाजत के लिए बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादार तैनात रहते हैं जहां बाबा की ही हुकूमत चलती है और बाबा के बनाए कायदे और कानून का अक्षरश: पालन किया जाता है। इस आश्रम के बाहर एक बड़ा सा नोटिस बोर्ड भी लगा हुआ है जिस पर आश्रम के सारे कायदे और कानून लिखे हुए हैं।
फोटो लेना सख्त मना है
इस कानून का सबसे खास नियम तो यही है कि यहां किसी को भी फोटो लेना सख्त मना है। यानी आश्रम में किसी को भी फोटो खींचने की इजाजत नहीं दी जाती, यानी न तो वहां कोई फोटो खींच सकता है और न ही वीडियो बना सकता है। इतना ही नहीं आश्रम में कोई वीडियो कॉल भी नहीं कर सकता।
सेवादारों की बताई गई बातों पर यकीन किया जाए तो आश्रम के भीतर ही खेतीबाड़ी का भी काम होता है इसके अलावा सेवादारों की कई टीमें हैं जिन्हें अलग अलग तरह के काम बांटे गए हैं। हाथरस हादसे के बाद से ही फरार बाबा की तलाश में निकली पुलिस की एक टीम अब इस आश्रम पर पहरा दे रही है।
बाबा का 'Safe House'
एसपी सिंह उर्फ भोले बाबा आगरा के एक छोटे से मकान में रहते थे। उनका शहर के शाहगंज की केदार नगर कॉलोनी डी ब्लॉक में एक घर है। इस मकान को अब उनके बाबा बनने के बाद मंदिर का दर्जा दे दिया गया है। लोग अब उस ताला लगे मकान को बाबा की कुटिया कहते हैं। लेकिन आस पास के लोगों की मानें तो ये बाबा का सेफ हाउस भी है। जहां बाबा अक्सर आते हैं और आराम करते हैं। वैसे आमतौर पर इस मकान पर ताला ही लगा रहता है।
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