DELHI SEEMAPURI BOMB UPDATE : दिल्ली को दहलाने की हो रही है साजिश या फिर मकसद कुछ और ? एक के बाद एक बम मिलना क्या संकेत दे रहा है ? क्या दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई है। क्या सिर्फ डराने की है मंशा या फिर कुछ है साजिश ? ये ऐसे सवाल है जिनसे दिल्ली पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है और दिल्ली पुलिस इन केसों को सुलझा पाने में अभी तक नाकाम साबित हुई है। एक महीने के अंदर आतंकियों ने दो बार दिल्ली को बारूद के ढेर पर रख दिया। हालांकि कोई विस्फोट तो नहीं हुआ, लेकिन दोनों ही केस अभी तक अनसुलझे है। जब से दिल्ली के नये पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना बने है, तब से दूसरी आतंकी साजिश है, जिसे पुलिस सुलझ नहीं पाई है।
क्या दिल्ली को दहलाने की हो रही है साजिश या फिर मकसद कुछ और ? दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी नाकामी
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18 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)
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पूरा माजरा समझिए
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को एक घर से IED बरामद किया। इसमें करीब ढाई से तीन किलो विस्फोटक का इस्तेमाल होने की जानकारी सामने आई है। 5 हफ्ते में ये दिल्ली-एनसीआर में IED की दूसरी बड़ी रिकवरी है। इससे पहले 14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक पर IED मिला था।
विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और RDX होने का शक
NSG के सूत्रों ने बताया कि जो IED बरामद किया है, उसमें अमोनियम नाइट्रेट और RDX का मिक्स्चर होने का शक है। हालांकि, अभी फोरेंसिक लैब इसकी जांच कर रही है। ऐसा भी शक जताया जा रहा है कि पिछले महीने गाजीपुर में जो IED बरामद हुआ था और जो सीमापुरी में IED बरामद हुआ है, दोनों के पीछे एक ही व्यक्ति की साजिश हो सकती है।
मकान मालिक आसिम की मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे को हिरासत में ले लिया है, जबकि उसकी पत्नी ने कुछ महीने पहले दो लोगों को एक फ्लोर किराये पर दिया था, जहां से IED बरामद हुआ है।
गाजीपुर और सीमापुरी मामले में कनेक्शन?
अधिकारियों के मुताबिक, गाजीपुर मामले की जांच के दौरान ही पुलिस को सीमापुरी इलाके में एक घर में विस्फोटक होने की सूचना मिली थी। इसके बाद स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंची। NSG के अधिकारी और फोरेंसिक लैब की टीम भी साथ में थी। अधिकारियों ने बताया कि जब उनकी टीम घर में पहुंची तो वो खाली था। वहां एक बैग मिला, जिसके बाद NSG को बुलाया गया। अधिकारियों ने शक जताया है कि ओल्ड सीमापुरी से बरामद विस्फोटक उन्हीं ने बनाया हैं जिन्होंने पिछले महीने गाजीपुर में IED रखा था।
किरायेदारों का था काम?
पुलिस के मुताबिक, जिस घर में IED मिला है उसके मालिक आसिम और प्रॉपर्टी डीलर शानू से पूछताछ की जा रही है। आसिम की मां का दावा है कि उसने कुछ लोगों को घर किराये पर दिया था और उनके बेटे का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। आसिम की पत्नी का कहना है कि कुछ महीने पहले हमने दो लोगों को ये घर किराये पर दिया था और उसके अलावा हम कुछ नहीं जानते। आसिम अपने परिवार के साथ शहीद नगर के पास रहता है।
'इस तरह के IED का इस्तेमाल सिर्फ सरकारें करती है'
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जो IED बरामद किया गया है, उसमें मिलिट्री ग्रेड का RDX इस्तेमाल हुआ था। इसे सीमा पार से कलेक्ट किया गया था और संभवत: राजस्थान, कश्मीर और पंजाब के रास्ते लाया गया हो सकता है। ये भी पता चला है कि इस तरह का IED माइनिंग के काम में इस्तेमाल किया जाता है और इस तरह के IED का इस्तेमाल सिर्फ सरकारें ही करती हैं।
पहले ही भाग गए थे संदिग्ध
बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले इस मकान में 3 और लड़के यहां रहने आ गए थे। पुलिस का कहना है कि जब वो मकान में पहुंची तो वो खाली था। संदिग्ध IED से भरा बैग वहीं छोड़कर भाग गए थे। संदिग्ध अभी भी फरार हैं।
गाजीपुर साजिश का टेरर लिंक
गाजीपुर साजिश को लेकर जांच में टेरर लिंक सामने आ चुका है। इस मामले में आतंकी संगठन मुजाहिदीन गजवात हिन्द ने गाजीपुर में बम ब्लांट करने का जिम्मा लिया था। MGH ने टेलीग्राम पर इस साजिश की जिम्मेदारी ली थी। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पास MGH के दावे की कॉपी मौजूद है। आतंकी संगठन MGH ने अपने लेटर में कहा है कि मुजाहिद्दीन गजवात हिंद के आतंकियों ने ही 14 जनवरी को धमाके के लिए दिल्ली के गाजीपुर में IED प्लांट किया था जो किसी तकनीकी वजहों से वक्त पर नहीं फटा। आतंकी संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे हमले की कोशिश फिर होगी और अगली बार तकनीकी खराब नहीं होगी। ऐसे में गुरुवार को दिल्ली के सीमापुरी इलाके में मिलने वाले IED बम के तार गाजीपुर मामले से जोड़े जा रहे हैं।
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