Delhi Crime: चार्ल्स शोभराज पर बनी फिल्म देखकर की हत्या, 10 महीने बाद खुला ये राज़!

Delhi Murder: शातिर आरोपी ने पहले हिंदू पहचान बनाई, हिंदू युवतियों को अपने जाल में फंसाया और फिर किया एक सनसनीखेज कत्ल।

CrimeTak

19 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:34 PM)

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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने दस महीने पहले गायब हुई महिला (Women) की हत्या (Murder) में सनसनीखेज खुलासा किया है। घटना के 10 महीने बाद एक ब्लाइंड मर्डर का खुलासा हुआ है। चार्ल्स शोभराज पर बनी फिल्म फ्रांसीसी हत्यारे से प्रेरित होकर कातिल ने हत्याकांड को अंजाम दिया और महिला की लाश को दिल्ली से 110 किलोमीटर दूर जंगल में ठिकाने लगा दिया।

पुलिस ने आरोपी शाकिर उर्फ राजेश और उसके साथी फैज को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने खुलासा किया है कि दोनों ने मिलकर 3 मार्च 2022 को महिला सुशीलवती की हत्या कर दी थी और उसके शव को पुलिस स्टेशन चोला जिला बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के जंगल में फेंक दिया था।

दरअसल 3 मार्च को बुलंदशहर इलाके के चोला में एक महिला की लहूलुहान लाश मिली थी। बुलंदशहर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि मरने वाली महिला का नाम सुशीलवती है जो कि दिल्ली के दयालपुर की रहने वाली है।  यूपी पुलिस ने ये जानकारी दिल्ली पुलिस से भी साझा कर दी। दिल्ली पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शाकिर टेलरिंग के साथ साथ प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करता था।

इसी दौरान उसकी मुलाकात सुशीलवती से हुई थी। सुशीलवती अपने डीएलएफ का फ्लैट बेचना चाहती थी। शाकिर ने सुशीलवती से इस फ्लैट का सौदा किया और डेढ़ लाख रुपए पेशगी के तौर दे भी दिए। शाकिर ने सुशीला की मर्जी के बिना फ्लैट पर कब्जा भी कर लिया था। सुशीलवती लगातार फ्लैट की बकाया रकम मांग रही थी। यही वजह है कि आरोपी ने सुशीलवती की हत्या की प्लानिंग की।

आरोपी शाकिर ने फ्लैट के फाइनल पेमेंट के लिए सुशीलवती को घर बुलाया और उसे नशा मिला कोल्ड ड्रिंक पिला दिया। जिसके बाद शाकिर अपने साथी फैज़ के साथ सुशीलवती को बुलंदशहर ले गए जहाँ फ़ैज़ ने पहले सुशीलवती को गोली मारदी और दूसरी गोली शाकिर अली ने नमारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने उसके शव को बुलंदशहर के एक खेत में फेंक दिया और दिल्ली लौट आए।

मो. शाकिर अली ने डीएलएफ के फ्लैट से सुशीलवती का कुछ सामान भी निकाल लिया और उसे लोनी में कहीं छुपाकर रख दिया। बीच-बीच में पुलिस ने उससे सुशीलवती की गुमशुदगी के बारे में पूछताछ भी की लेकिन वह चतुराई से पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने आरोपी शाकिर से सख्ती से पूछताछ की तो हत्या का भेद खुल गया।

शाकिर अली के कब्जे से एक देशी पिस्टल व 315 बोर के दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। जबकि मो. फैज उर्फ ​​फैजान के कब्जे से 315 बोर के 2 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। जांच के दौरान आरोपी मो. शाकिर अली ने खुलासा किया कि वह दर्जी और प्रापर्टी ब्रोकर का काम करता था। शाकिर ने हाल ही में नेपाल में जेल से रिहा हुए प्रसिद्ध फ्रांसीसी हत्यारे चार्ल्स शोभराज पर एक फिल्म देखी।

आरोपी को लगा कि वो भीअपने लाभ के लिए महिलाओं का इस्तेमाल कर सकता है। इसी बीच शाकिर की मुलाकात लक्ष्मी नगर दिल्ली में रहने वाली एक सेक्स वर्कर से हो गई। शाकिर महिला के दलाल के रूप में काम करने लगा। हैरानी की बात ये है कि शाकिर ने अपनी नकली हिंदू पहचान बनाई थी और नाम राजेश रखा था।

इसी नाम का इस्तेमाल करते हुए कई और महिलाओं के संपर्क में आया और उन्हें अपने आर्थिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। सभी महिलाओं के ठिकाने का सत्यापन पुलिस कर रही है। मो. शाकिर ने अपनी मूल पहचान छिपाई और खुद को राजेश के रूप में पेश किया। इसके लिए उसने एसडीएम कार्यालय से राजेश के नाम का फर्जी वोटर आईडी कार्ड भी बनवाया।

आरोपी ने राजेश के नाम से पैन कार्ड भी बनवाया और बैंक खाता खुलवा लिया। मो. शाकिर ने किराए पर फ्लैट लेने के लिए इस फर्जी वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया क्योंकि हिंदू पहचान पर फ्लैट मिलना उसके लिए आसान था। उसने कई महिलाओं के साथ दोस्ती करने के लिए नकली हिंदू पहचान का भी इस्तेमाल किया।

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