वो 30 से ज्यादा बच्चियों को अपना निशाना बना चुका है, जानिए दिल्ली के इस हैवान की कहानी
Delhi Serial Killer: वो बच्चियों के साथ पहले कुकर्म करता था, फिर उनका मर्डर करता था, जानिए दिल्ली के इस हैवान की पूरी कहानी जिसने 30 बच्चियों को अपना निशाना बनाया।
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ravinder kumar serial rapist
09 May 2023 (अपडेटेड: May 10 2023 1:21 PM)
delhi serial killer ravinder kumar story : साल 2012। दिल्ली के बेगमपुर का उत्सव विहार इलाका। यहां एक फौजी का मकान था। इस मकान में रविंद्र का परिवार के साथ शिफ्ट हो गया था। पिता Plumber थे और उसकी मां गृहणी। रविंद्र का एक छोटा भाई भी था। घरवाले ध्यान नहीं देते थे। रविंद्र कब घर से बाहर जा रहा है, कब आ रहा है, कोई टोका-टाकी नहीं करता था, लिहाजा वो बिगड़ता चला गया। पैसों की किल्लत थी। लिहाजा ज्यादा शौक पूरे नहीं कर पा रहा था। अब पैसों की किल्लत तो तभी दूर होगी, जब पैसा कमाने के बारे में सोचा जाए और काम किया जाए, लेकिन रविंद्र के बस की ये बात नहीं थी। कोई लड़की उससे बात नहीं करती थी, क्योंकि न तो उसकी स्कूलिंग हुई और न ही पड़ोस में कोई ऐसी लड़की थी। गरीबी, गांव का माहौल और परिस्थितियां कह लीजिए, रविंद्र दूर से ही लड़कियों को देख कर अपने जज्बात दबा लेता था। अब भला कब तक दबेंगे?
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भूतिया फिल्मों का हुआ उस पर असर
Delhi Serial Killer Begampur : 2008 से पहले उसे शौक चढ़ा भूतिया फिल्म देखने का। उसने बचपन में एक अंग्रेजी फिल्म देखी थी, जिसमें तीन लोग बच्चों की हत्या कर उनसे कुकर्म या दुष्कर्म करते थे। बस इस फिल्म ने उसके दिमाग पर गहरा असर डाल दिया। अब वो भी ऐसा करने की सोचना लगा। यह फिल्म देखने के बाद वह भी शराब पीने लगा और उसके बाद सूखा नशा (साल्यूशन व व्हाइटनर आदि) करने लगा।
2008 में पहली घटना को दिया अंजाम
Delhi Serial Killer : कहते हैं उसने 2008 में पहली घटना को अंजाम दिया। उस वक्त उसकी उम्र 15 साल थी। अब उसने बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया। हवस का शिकार ही नहीं, उन्हें मारना भी शुरू कर दिया। ताज्जुब की बात ये है कि इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। साल बीतते चले गए। वो टारगेट चुनता था गरीब बच्चों को और जगह चुनता था, खाली पड़े प्लाटों को। बच्चों के मा-बाप ज्यादा पैरवी नहीं कर पाते थे और इसी का वो फायदा उठाता था। उसे लगता था कि कानून उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और होता भी यही चला चला गया।
2012 में परिवार हुआ बेगमपुर शिफ्ट
साल 2012 में जब उसका परिवार बेगमपुर शिफ्ट हुआ, उस वक्त उसकी उम्र 19 साल थी। 2008 से 2012 तक लगतातर क्राइम करता जा रहा था, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लग रही थी कि इसके पीछे कौन है और वो ऐसा क्यों कर रहा है?
2014 में एक बच्चे का गला काटा, लेकिन वो बच गया!
delhi serial killer ravinder kumar story : बात 2014 की है। तभी रविंद्र करीब 21 साल का था। दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी जगमिंदर दहिया, जो इस केस के जांच अधिकारी भी थे, ने बताया कि वर्ष 2014 में आरोपित ने बेगमपुर थाना इलाके में बच्चे को अपना शिकार बनाया था। बच्चे के साथ गलत काम किया और उस्तरे से बच्चे का गला काट दिया। इसके बाद बच्चे को नाले में फेंक दिया था। नाला सूखा था व उसमें रेत पड़ी थी। बच्चा जब नीचे गिरा तो उसका गला मिट्टी में सट गया था। इस वजह से उसका खून निकलना बंद हो गया था। रविंद्र ने सोचा कि वो मर गया है, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि एक बीट कांस्टेलब ने बच्चे को नाले में पड़े देख लिया और वो बच गया।
इस सिलसिले में मुकदमा दर्ज हुआ और रविंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। 2014 में से लेकर जुलाई 2015 तक आरोपी रविंद्र जेल में रहा। करीब एक साल। कहते हैं पहली बार वो इतने समय के लिए जेल गया था।
पड़ोसी ने जमानत दी और बाद में आरोपी ने उसे मारने की प्लानिंग रच डाली!
serial killer ravinder kumar story in hindi : बेगमपुर के उत्सव विहार इलाके में जिस जगह पर रविंद्र का परिवार रहता था। उसके पड़ोस में सन्नी वर्मा नाम का लड़का रहता था। सन्नी के पिता रविंद्र के पिता को जानते थे। वो ही इस केस में जमानती बने। लिहाजा रविंद्र एक साल के बाद उन्हीं की बदौलत बाहर आ पाया। लेकिन कहते है सन्नी के पिता और सन्नी का रविंद्र के परिवार में आना-जाना हो गया था। इसकी वजह थी रविंद्र की मां। रविंद्र और सन्नी में नाजायज संबंध थे। जेल से बाहर आते ही सन्नी ने रविंद्र की हेल्पर के तौर पर नौकरी लगवाई दी। सन्नी ट्राला का ड्राइवर था।
सन्नी का था रविंद्र की मां के साथ संबंध
Delhi Serial Killer Begampur : एक दिन सन्नी ने रविंद्र को रेडियो ठीक कराने के बहाने से घर से बाहर भेज दिया और वो रविंद्र के घर में घुस गया। वहां उसने रविंद्र की मां के साथ शारीरिक संबंध बनाए। अचानक रविंद्र वहां पहुंच गया और उसने अपनी मां को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद विवाद हुआ था। अब रविंद्र ने सन्नी को ठिकाने लगाने का सोच लिया था।
सन्नी तो बच गया, लेकिन इस वजह से बच्ची अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठी
serial killer story in hindi : दिल्ली का कंझावला इलाका। 13 जुलाई 2015 को रविंद्र बहाने से सन्नी को अपने साथ एक प्लाट में ले गया। वहां उसने जमकर शराब पी। उसने सन्नी से भी शराब पीने को कहा, लेकिन उसने बहाना लगाकर शराब नहीं पी। नशे में उसने सन्नी की बहुत पिटाई की, लेकिन सन्नी मौका पाकर फरार हो गया। उसने सन्नी के दस्तावेज अपने पास रख लिए थे। रात भर नशे की हालत में रविंद्र सन्नी को तलाशता रहा और बेगमपुर इलाके में पहुंच गया।
पूरी रात नशे में चूर रविंद्र शिकार के चक्कर में दिल्ली की सड़कों पर घूमता रहा
सीरियल किलर की कहानी : पूरी रात वो नशे में चूर होकर घूमता रहा। अब उसका अगला शिकार एक मासूम लड़की बनी। जांच अधिकारी रहे रिटायर्ड एसीपी जगमिंदर दहिया ने बताया कि रविंद्र ने 14 जुला 2015 को सुबह साढ़े छह बजे बच्ची को खेतों की ओर शौच के लिए जाते देखा। उसने बच्ची को दस रुपये दिए व खंडहर इमारत की दूसरी मंजिल पर ले गया।
लाश के साथ किया दुष्कर्ष!
ravinder kumar serial killer : वह बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने लगा तो बच्ची चिल्लाने लगी। गुस्से में आकर उसने बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद उसने लाश के साथ दुष्कर्म किया। लहूलुहान हालत में उसने शव को पहली मंजिल की शाफ्ट में फेंक दिया। जब बच्ची के परिजन को बच्ची नहीं मिली तो उन्होंने इधर-उधर बच्ची को तलाशा। उस वक्त खंडहर इमारत से रविंद्र बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया, लेकिन परिवार को क्या पता था कि ये ही आरोपी है। बाद में बेगमपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस ने बच्ची को तलाशना शुरू किया और आखिरकार जांच अधिकारी दहिया ने खंडहर से बच्ची की लाश को ढूंढ निकाला। कहते है कि अगर उस वक्त रविंद्र को सन्नी मिल जाता तो उसकी हत्या होती और वो शांत भी हो सकता था, लेकिन सन्नी नहीं मिला और इस वजह से वो शांत भी नहीं हुआ। इसी क्रम में उसने बच्ची का मर्डर कर दिया। तो क्या मां के नाजायज संबंध की वजह से वो सन्नी को मारना चाहता था? जब ये मंशा थी कि उसने बच्ची को शिकार क्यों बनाया?
रविंद्र से सन्नी को फंसाने के लिए बनाया था प्लान
ravinder kumar serial rapist : रविंद्र ने बच्ची की लाश के पास सन्नी के दस्तावेज फेंक दिए थे। बस यही गलती उसे भारी पड़ गई। पुलिस सन्नी तक पहुंची और उससे ये पूछा कि उसके दस्तावेज मौके पर कैसे पहुंचे तो उसने रविंद्र का नाम ले लिया। बाद में पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। ये भी पता चला था कि सन्नी पर बाद में रविंद्र की मां ने रेप का इल्जाम भी लगाया था। ऐसा कहा जाता है कि अगर रविंद्र सन्नी को अपनी मां के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नहीं देखता तो न तो वो सन्नी को पीटता और न ही उसके बाद लड़की का मर्डर करता, लेकिन रविंद्र आदतन अपराधी था। ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है।
30 से ज्यादा बच्चियों को बनाया शिकार
Delhi Serial Killer : लड़की के मर्डर के मामले में अब अदालत का फैसला आया है। उसे दोषी करार दिया है। वो 2015 से जेल में बंद है। पूछताछ में उसने ये बताया कि 2008 से लेकर 15 तक उसने 30 से ज्यादा बच्चियों को अपना शिकार बनाया है। ऐसे में आरोपी को कब फांसी होगी, इसका इंतजार रहेगा। जांच के दौरान पता लगा कि इसमें से 14 मामले दिल्ली के थे। दिल्ली के अलावा आरोपी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, और गाजियाबाद में वारदातों को अंजाम दिया।
उस वक्त के जांच अधिकारी जगमिंदर सिंह दहिया ने बताया कि आरोपित ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चों को अपना शिकार बनाता था। ये बच्चे या तो सड़क किनारे सोते थे या निर्माणाधीन इमारतों के पास झोपड़ी बनाकर माता-पिता के साथ रहते थे।
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