मौत के बाद खुला 24 साल की दोहरी ज़िंदगी का राज़ एक पत्नी मुस्लिम तो दूसरी निकली हिंदू

Death exposes man’s 24-year double life

CrimeTak

28 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)

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कोलकाता की पर्णश्री पुलिस थाने को विद्यासागर अस्पताल से इत्तिला मिली थी कि अस्पताल में 57 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई है जिसकी पहचान नहीं हो पा रही है। इस सूचना पर पुलिस पता लगाती है और उसे एक महिला और 23 साल की बेटी मिलती है। महिला बताती है कि मरने वाले का नाम अजॉय गिरी है और वो गार्ड की नौकरी किया करता था।

महिला ये भी बताती है कि वो उसके साथ रहा करती थी लेकिन वो तीन दिन से उसके साथ नहीं थी जब उसकी मौत हुई। वो और उसकी बेटी कहीं बाहर गए हुए थे जिस दौरान वो बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुआ और वहां उसकी मौत हो गई। महिला ने ये भी बताया कि वो चेतला में नौकरी कर रहे थे जबकि उसके घरवाले कराया नाम की जगह में रहते हैं।

पुलिस ने इस शख्स के बारे में और जानकारी करने के लिए उसके मोबाइल को खंगालना शुरु किया । इस मोबाइल से उन्हें एक नंबर मिला जो कोलकाता की तोपसिया नाम की जगह का था। वहां पर पुलिस को 50 साल की एक मुस्लिम महिला मिली जिसने बताया कि ये उसका पति आलमगीर है और ये कुछ दिन से अपने घर से गायब था जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उसने पुलिस में भी दर्ज कराई थी।

हालांकि पुलिस ने जब उसे बताया कि मरने वाले बुजुर्ग का नाम आलमगीर नहीं बलकि अजॉय गिरी है। महिला ने बताया कि वो उसका पति है और उसका 22 साल का बेटा भी है। अब मामला अजॉय गिरी और आलमगीर के बीच उलझ गया था ।

पुलिस ने दोनों परिवारों को बुलाया और पूछताछ की तो पता चला कि आलमगीर 24 साल पहले कोलकाता के एक अपार्टमेंट में गार्ड की नौकरी करता था। वहीं पर उसकी मुलाकात अपार्टमेंट में काम करने वाली एक हिंदु महिला से हुई।

दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी और दोनों ने एक साथ रहना शुरु कर दिया। दोनों के एक बेटी भी हुई लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की। अजॉय गिरी काम और अपने मां-बाप की देखभाल की बात कह कर कोलकाता के ही कराया में आया जाया करता था। हालांकि उसने कभी माता-पिता के अलावा अपनी पहली पत्नी का जिक्र नहीं किया।

आलमगीर की पहली पत्नी को भी उसकी दूसरी शादी के बारे में कुछ पता नहीं था। वो काम के सिलसिले में अलीपोर आता जाता रहता था लेकिन परिवार को इस बात का पता कभी नहीं चला कि वो दूसरी पत्नी के साथ रह रहा है।

आलमगीर की मौत के 24 साल बाद दोनों पत्नियों को एक दूसरे के बारे में पता चला । हालांकि उससे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि दोनों पत्नियों ने उसका अंतिम संस्कार खुद ना करने के बजाय अंतिम संस्कार करने के लिए उसके शव को उसके घरवालों को सौंप दिया।

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