साइनायड मल्लिका की कहानी : पति की इस बात से नाराज होकर कितने क़त्ल किए, ख़ुद याद नहीं

साइनायड मल्लिका : वो महिला सीरियल किलर जो क़त्ल की गिनती भूल गई। पूरी कहानी, Cyanide Mallika Serial Killer story in Hindi Read more crime news in Hindi on Crime tak

CrimeTak

06 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

follow google news

Cyanide Serial killer: वो मामूली सी महिला मंदिर में ले जाकर मर्डर करती थी। उसने वास्तव में कितने क़त्ल किए, खुद उसे याद नहीं। पुलिस आज भी उन लाशों को ढूंढ़ रही है जिन्हें उसने अपना शिकार बनाया। वो ऐसी सीरियल किलर थी, जो पहले क़त्ल के बाद सात सालों तक खामोश बैठी रही। और ऐसी बहरुपिया जिसे अपना हुलिया बदलने में महारत हासिल थी।

ये फिल्मी सी लगने वाली सच्ची कहानी (True crime story) है कर्नाटक की उस मामूली सी दिखने वाली महिला की, जिसके लालच और सपनों ने उसे मामूली नहीं रहने दिया बल्कि हिन्दुस्तान के इतिहास की ऐसी पहली महिला सीरियल किलर बना दिया , जिसके लिए अदालत फांसी के फंदे से कम के फैसले पर राजी नहीं थी।

ख़तरनाक क़ातिल की शुरुआती कहानी

Crime story in Hindi: ये दास्तां हैं हिन्दुस्तान की पहली सीरियल किलर डी कमपम्मा की जिसे अदालत के दस्तावेज़ों में साइनाइड मल्लिका के नाम की पहचान मिली है। सवाल उठता है कि आखिर अदालत को ऐसे कौन से सबूत मिले जिसकी रोशनी में अदालत को कहना पड़ा कि उससे ज़्यादा ख़तरनाक कोल्ड ब्लडड मर्डरर हिन्दुस्तान के इतिहास में कभी किसी ने नहीं देखा।

कमपम्मा के गुनाहों के क़िस्से तक पहुँचने से पहले उसकी शुरुआती ज़िंदगी में झांकना बेहद ज़रूरी है. के डी कमपम्मा की पैदाइश 1970 में कर्नाटक के कगलीपुरा गांव में रहने वाले एक बेहद मामूली परिवार में हुई थी। छोटी छोटी ज़रूरतें भी इस परिवार के लिए भारी जद्दोजहद का सबब बन जाया करती थीं।

ऐसे हालातों में पलकर कमपम्मा बड़ी हो रही थी, लेकिन छोटी सी उम्र में ही कमपम्मा ने अपनी आंखों में बड़े बड़े सपनों को पनाह दे दी थी। वो अक्सर अपनी सहेलियों से अपनी हसरतों की कहानियां साझा करती रहती थी। यहां तक कि वो ये कहने में भी गुरेज नहीं करती थी कि अगर उसे ग़लत रास्तों से गुज़रकर अपनी मंज़िल तक पहुँचना पड़े तो वो ये भी करने को तैयार है।

फिल्मों की शौकीन कमपम्मा ने भी अपने लिए किसी फिल्मी हीरोइन जैसी ज़िंदगी के सपने भी देखने शुरू कर दिए थे। लेकिन अपने गांव में उसे इन सपनों तक पहुँचने का कोई रास्ता नहीं दिखाई देता था, क्योंकि उसके घर परिवार के आस पास रहने वाले लोगो भी बेहद मामूली, ग़रीब लोग ही रहते थे।

अमीर सपनों का जुर्म

Cyanide Mallika in Hindi: कमपम्मा के घरवालों ने कम उम्र में ही उसकी शादी एक दर्जी के साथ कर दी। जल्दी ही वो एक बच्चे की माँ भी बन गई। उसके बाद उसके दो और बच्चे हुए। तीन बच्चों की परवरिश करते हुए उसके दिन गुज़रने लगे लेकिन वो अपनी ज़िंदगी से कभी खुश नहीं थी। उसने तो ज़िंदगी में कुछ और ही तय कर रखा था।

और जल्द से जल्द अमीरों जैसी ज़िंदगी जीना चाहती थी। अपनी और परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसने अपनी बस्ती से दूर एक शहरी इलाक़े में एक रईस घर में घरेलू नौकरानी का काम करना शुरू कर दिया।

उस घर में पहुँचकर उसके सपनों को और हवा लग गई। क्योंकि जिनके घर में वो नौकरानी के तौर पर काम कर रही थी, वहां उसे पैसों की गंगा बहती दिखाई दी। उस घर के लोगों का रहन सहन और उनकी शानो शौकत ने उसे बेचैन कर दिया। लिहाजा वो रातों रात अमीर बनने के सपने देखने लगी और इसी चक्कर में उसने उन घरों में क़ीमती सामानों पर हाथ साफ करना शुरू कर दिया जहां उसकी ग़रीब और तंगहाली पर तरस खाकर लोगों ने उसे काम पर रखा था।

रातों रात अमीर बनने के ख़्वाब

अमीर घरों में काम करते हुए उसे जल्द पैसा कमाने की एक तरक़ीब सूझी। तब उसने अपनी बस्ती में चिट फंड का काम शुरू किया और लोगों को झांसा देकर छोटी छोटी रकम जमा करवाकर बड़े बड़े सपने बेचने शुरू कर दिए।

उसने बहुत ही जल्द अच्छी खासी रकम इकट्ठा भी कर ली, लेकिन तभी उसकी चिट फंड वाली कंपनी दिवालिया हो गई और उसे ज़बरदस्त नुकसान हो गया। उसकी सारी ज़मापूंजी ख़त्म हो गई। बात 1998 की है जब कमपम्मा का अपने पति से ज़बरदस्त झगड़ा हुआ और पति ने उसे घर से बाहर निकाल दिया।

हाथ में कोई काम नहीं। चिट फंड कंपनी बंद हो चुकी थी और पति ने भी घर से बाहर निकाल दिया था, लिहाजा कमपम्मा ने अब लोगों को झांसा देकर लोगों से पैसा ऐंठने का रास्ता अख्तियार किया।

क्योंकि चिट फंड कंपनी के लिए काम करते हुए लोगों को सपने दिखाने का हुनर उसे हासिल हो चुका था। लिहाजा उसने इस हुनर को अपना हथियार बनाने का इरादा कर लिया। वो एक अमीर महिला बनकर शिकार की तलाश में निकल पड़ी।

ये बनी थी क़ातिल का पहला शिकार

Cyanide Mallika First Murder Case : और इसी दौरान कमपम्मा ने अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़े गुनाह को अंजाम दिया, जब उसने 30 साल की एक अमीर महिला को अपना शिकार बनाया। चिट फंड की स्कीम समझाने के लिए कमपम्मा ने उस अमीर महिला को बाक़ायदा मंदिर में बुलाया और फिर उसकी हत्या के बाद नकदी लेकर वहां से लापता हो गई।

हत्या की ये वारदात बैंगलुरू के बाहिरी हिस्से में अंजाम देकर कमपम्मा फरार हो चुकी थी। और जिस महिला की लाश मिली उसने पुलिस को चकराकर रख दिया था क्योंकि वो हत्या साइनायड देकर की गई थी।

हत्या की इस वारदात के बाद कमपम्मा बड़े ही रहस्यमयी तरीके से अगले सात सालों तक नाम और पहचान बदलकर गुमनामी की ज़िंदगी जीती रही। कहां और कैसे कोई नहीं जानता।

सात साल की रहस्यमयी ख़ामोशी

Cyanide Mallika Hindi Story : सात सालों तक खामोश रहने के बाद कमपम्मा फिर सक्रिय हुई और इस बार उसने 2006 में हत्या की वारदात अंजाम दी, जब पुलिस को नागवेणी नाम की एक अमीर और बेऔलाद महिला का शव एक गेस्ट हाउस के कमरे में मिला।

पुलिस की पड़ताल में पता चला कि मारी गई महिला यहां किसी संभ्रांत महिला जयअम्मा से मिलने के लिए आई थी, जिसने औलाद के लिए मंदिर में विशेष प्रार्थना करने का झांसा दिया था। खास बात ये थी कि इस महिला की हत्या भी साइनायड से ही की गई थी। पुलिस की तफ़्तीश पर यक़ीन करें तो वो जयअम्मा कोई और नहीं कमपम्मा ही थी। और नागवेणी उसका नया शिकार।

लेकिन इस हत्या के बाद कमपम्मा ने एक के बाद एक अगले सात महीनों में क़त्ल की ताबड़तोड़ वारदात अंजाम दी। अदालत में पेश हुए रिकॉर्ड के मुताबिक पुलिस ने इस दौरान साइनायड से कत्ल की गई महिलाओं के छह शव बरामद किए। और उनसे जुड़े सबूत इकट्ठा किए।

पुलिस को ऐसे मिला सुराग़

Cyanide Mallika News in Hindi : इसी बीच पुलिस ने साइनायड से क़त्ल किए गए सभी मर्डर में एक ऐसी बात खोज निकाली, और वो ये कि ये सभी मर्डर लूट के इरादे से किए गए। इसी बीच 2012 में कमपम्मा को पुलिस ने एक जौहरी की दुकान से उस वक़्त गिरफ़्तार किया जब वो लूट के गहने बेचने के इरादे से वहां पहुँची थी।

दरअसल कमपम्मा ने पकड़े जाने से पहले क़त्ल की एक वारदात बैंगलुरू के पास अंजाम दी थी। और उसके बाद ही बैंगलुरू में वो एक अपनी जान पहचान के जौहरी के यहां पहुँची थी जहां पुलिस पहले ही पहुँच चुकी थी।

अपनी गिरफ्तारी के बाद शुरु में तो कमपम्मा उर्फ साइनायड मल्ल्किका ने पुलिस को जमकर गुमराह किया लेकिन पुलिस की सख़्ती के बाद उसने जब अपना मुंह खोला तो पुलिस की आंखें फटी की फटी रह गईं।

साइनायड मल्लिका का क़बूलनामा

cyanide mallika ki kahani: साइनायड मल्लिका से मिले सुरागों की पड़ताल करने पर पुलिस ने छह क़त्ल से जुड़े सबूत तो इकट्ठा कर लिए लेकिन पुलिस ये अभी तक पता नहीं लगा सकी कि आखिर साइनायड मल्लिका ने कितने लोगों को मौत की नींद में सुलाया है।

कर्नाटक की अदालत ने कमपम्मा उर्फ साइनायड मल्लिका से जुड़े सबूतों को देखने के बाद सीरियल किलर के नाते उसके लिए सजा-ए-मौत देने का फैसला किया। अदालत में साइनायड मल्लिका के हक़ में दी गई इस दलील को ठुकरा दिया कि इसे सुधरने का एक मौका दिया जाना चाहिए।

अदालत ने अपने फैसले में लिखा है कि ऐसे गुनहगारों को समाज में खुला छोड़ना समाज के साथ घातक विश्वासघात होगा। और सबसे बड़ी बात कि मल्लिका साइनायड ने जिस तरह महिलाओं की हत्या की ऐसी हत्या कोल्ड ब्लडड मर्डरर ही कर सकता है, और ऐसा क़ातिल हिन्दुस्तान ने इससे पहले कभी नहीं देखा।

अदालत के सामने अपने गुनाह क़बूल करते हुए खुद कमपम्मा ने कहा कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं, क्योंकि वो हमेशा से अच्छी ज़िंदगी जीने का सपना देखती रही, जिसे पूरा करने के लिए ही उसने क़त्ल जैसी संगीन वारदात को अंजाम देने में गुरेज नहीं किया।

इस सीरियल किलर पर बनीं कई फिल्में

cyanide mallika movie in South and hindi : भारत की सबसे ख़तरनाक सीरियल किलर कमपम्मा उर्फ साइनायड मल्लिका का पूरा सच जब अदालत से निकलकर अख़बारों की सुर्खियां बना तो जिसने भी पढ़ा वो चौंक पड़ा। मगर अच्छी और मसालेदार कहानियों की तलाश में भटक रहे फिल्म निर्माताओं की तो मानों जैसे लॉटरी निकल पड़ी।

अपने जीवन में फिल्मी अदाकाराओं जैसा जीवन जीने का सपना देखने वाली कमपम्मा उर्फ साइनायड मल्लिका कभी फिल्मी हिरोइन तो नहीं बन सकी लेकिन उसके गुनाहों पर दक्षिण भारत (South Movies on Cyanide Mallika) की कई भाषाओं में फिल्में खूब बनीं। इस पर कन्नड़ में साइनाय़ मल्लिका 2021 (Cyanide Mallika (2021) नाम से फिल्म बनी थी. ये फिल्म काफी चर्चा में रही.

    follow google newsfollow whatsapp