अयोध्या में चुनावी रंगबाज़ों की टक्कर से निकली चिंगारी, गर्मा गया चुनावी माहौल

विधान सभा चुनाव से पहले अयोध्या में झड़प, अभय सिंह पर फ़ायरिंग का इल्ज़ाम

CrimeTak

20 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)

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अयोध्या से बनबीर सिंह और संतोष शर्मा के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट

रंगबाज़ तो वो पुराने हैं ही. लेकिन ऐन चुनाव से पहले की गई रंगबाज़ी से इस बार उनकी सियासत का रंग ही फीका होते-होते रह गया. कहां तो अभी डोर टू डोर कैंपेनिंग कर उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा वोट बटोरने की दरकार थी और कहां वो जेल जाते हुए अपने समर्थकों से कहने लगे कि अब चुनाव आपके हवाले है.

ये कहानी है पूर्वांचल के बाहुबलियों में से एक और अयोध्या के गोसाईंगंज से सपा के प्रत्याशी अभय सिंह की जिन्हें शुक्रवार को हुई पथराव और फ़ायरिंग की एक वारदात के बाद ऐन चुनावी महासमर के बीच पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. हालांकि बाद में 5 लाख के मुचकले पर अभय सिंह की रिहाई हो गई. इसी के साथ इस मामले में गिरफ़्तार बाक़ी लोगों की भी रिहाई हो गई.

जब टकराए अभय और खब्बू के समर्थक
हुआ यूं कि शुक्रवार को सपा उम्मीदवार अभय सिंह और बीजेपी की उम्मीदवार आरती तिवारी का काफ़िला अयोध्या में ही किसी मुकाम पर टकरा गया. आरती तिवारी एक दूसरे बाहुबली खब्बू तिवारी की पत्नी हैं. अब जब बाहुबली टकराएंगे तो चिंगारी को निकलेगी ही. कहते हैं इस टकराव में दोनों तरफ़ से पथराव हुआ और गोलियां भी चलीं. क्रॉस एफ़आईआर भी दर्ज हुई और पुलिस ने अभय सिंह को गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस ने इस सिलसिले में खब्बू तिवारी के समर्थक विकास सिंह को भी पकड़ा था. उसे भी बाद में मुचलके पर आज़ादी मिली. कभी विकास सिंह अभय सिंह का ही शार्गिद हुआ करता था. लेकिन इन दिनों वो खब्बू के साथ है.

कौन है बाहुबली अभय सिंह?
लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति से अपने सियासी करियर की शुरुआत करनेवाले अभय सिंह को मुख़्तार अंसारी का खासमखास माना जाता है. किसी ज़माने में अभय सिंह और धनंजय सिंह दोनों मुख़्तार के इशारे पर काम करते थे और दोनों की दोस्ती की मिसालें दी जाती थीं. लेकिन वक़्त बदला, हालत बदली और दोनों के रास्ते अलग हो गए. धनंजय मुख़्तार से अलग हो गए, लेकिन अभय बने रहे. इसी बाहुबल के दम पर अभय ने तमाम सरकारी ठेकों से जम कर पैसा भी कमाया और माननीय भी बन गए. फ़िलहाल अभय पर दस से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज हैं. जिनमें कई संगीन धाराओं के मुक़दमे भी शामिल हैं.

पति जेल में बीवी चुनावी खेल में!
अब बात खब्बू तिवारी की, जिनकी बीवी आरती सिंह इस बार बीजेपी के टिकट पर अभय सिंह के ख़िलाफ़ चुनावी मैदान में है. फ़र्ज़ी मार्कशीट के एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने हाल ही में खब्बू तिवारी को गुनहगार बताते हुए उसे सज़ा सुना दी. जिसके चलते वो चुनाव लड़ने से नाकाम हो गया. लेकिन बाहुबल और सियासी पहुंच का खेल देखिए कि ख़ुद तो बेशक जेल चले गए, लेकिन बीजेपी ने उसकी बीवी को टिकट दे दिया.

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