Shams Ki Zubani: उसे Shehnaaz Gill और ख़ुद को Siddharth मानता था एक क़त्ल की बेहद कमज़ोर Script की कहानी

Shams Ki Zubani: इस खूनी कहानी की स्क्रिप्ट तो लिखी गई लेकिन बेहद कमजोर स्क्रिप्ट थी, इस कत्ल की स्क्रिप्ट के जरिए पुलिस को कातिल का सुराग लगाना था।

CrimeTak

08 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:28 PM)

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Shams Ki Zubani: क्राइम करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। इस कहानी की खास बात ये है कि यह एक कमजोर स्क्रिप्ट की कहानी है जिसमें आरोपी का पकड़ा जाना तय था। यह कहानी पटना के फुलवारी शरीफ की है। कहानी शहनाज और जफरुद्दीन की है। पटना के नजदीक फुलवारी शरीफ में शहनाज पढ़ी लिखी बड़ी हुई तो उसकी शादी की जाने लगी। बिहार के लखीसराय में लड़का जफरुद्दीन रहता था जिससे शहनाज की शादी की बात चलने लगी।

दोनों के घरवालों की रजामंदी से धूमधाम से शादी कर दी गई। कुछ साल बाद ही दोनों के दो बेटे हुए। इसी दौरान जफरुद्दीन सऊदी अरब की नौकरी छोड़कर भारत आ जाता है और नोएडा में नौकर करने लगता है। कुछ ही रोज़ बाद जफरुद्दीन बीवी-बच्चों को भी नोएडा बुला लेता है और किराए का मकान लेकर यहीं रहने लगता है। दो साल बाद 3 मई को ईद थी। इस परिवार ने अपने घर यानि फुलवारी शरीफ जाने का फैसला लिया। दरअसल जफरुद्दीन ने फुलवारी शरीफ में भी घर बनवा रखा था।

परिवार के चारों लोग ईद मनाने फ्लाइट से पटना पहुंचे। 01 मई की शाम जफरुद्दीन बच्चों को लेकर शॉपिंग करने चला जाता है। रात में सभी मिलकर खाना खाते हैं और सो जाते हैं। 2 मई की सुबह जफरुद्दीन के बेटे ने देखा की ड्राइंगरुम में उसके पिता यानि जफरुद्दीन की लाश पड़ी है लहुलुहान लाश। लाश के पास में ही खून से सना प्रेशर कूकर पड़ा था। ऐसा लग रहा था कि प्रेशर कुकर सिर पर मारकर जफरुद्दीन का कत्ल किया गया है।

ईद के एक दिन पहले देखते ही देखते पूरे घर मातम मच जाता है। मौके पर पुलिस आती है जिसके बाद कत्ल की तफ्तीश शुरु होती है। सबसे पहले पुलिस परिजनों से पूछताछ करती है। शहनाज से भी पूछताछ की जाती है तो शहनाज बताती है कि शाम में जफरुद्दीन और बच्चे शॉपिंग पर गए थे सबकुछ ठीक था। हां शहनाज ने यह भी खुलासा किया कि 3 बजे अचानक उसे खटपट की आवाज सुनाई दी।

Shams Ki Zubani: शहनाज़ ने बताया कि दो लोग उसपर झपट पड़े और उसकी गले की चेन लूट ली। लुटेरों ने उसकी नाक पर हाथ रखा और वो बेहोश हो गई। जिसके बाद पुलिस को लगा की मामला लूटपाट का है। बात अजीब थी कि चेन के अलावा घर में कोई भी लूटपाट नहीं हुई थी। जांच में ये भी पता चला कि जफरुद्दीन की किसी से कोई दुश्मनी भी नही थी।

पुलिस ने घर से सभी एंट्री और एक्जिट देखे तो पता चला कि घर में एक ही रास्ता था आने जाने के लिए। सवाल ये था कि लुटेरे घर में कैसे आए? शहनाज ने बोला कि हो सकता है कि दरवाजा बंद करना भूल गई हो। घर में फ्रैंडली इंट्री थी। पुलिस ने शहनाज से ही अपनी जांच शुरु की। पुलिस अफसरों ने शहनाज का मोबाइल मांगा और कब्जे में ले लिया।

शहनाज ने अपना आई फोन पुलिस को दे दिया। पुलिस ने शहनाज के कॉल डीटेल निकाले, चौट देखे लेकिन कोई सुराग़ नही मिला। दिन गुजरते जा रहे थे लेकिन कातिल का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। पुलिस परेशान थी। घर के सदस्य पर ही पुलिस का शक जा रहा था। बेटे छोटे थे लिहाजा शक के घेरे में सिर्फ शहनाज ही आ रही थी।

जांच के दौरान पुलिस ने जफरुद्दीन की कुंडली खंगालना शुरु किया। सबसे पहले पता किया गया कि वो नोएडा में क्यों रहने लगा? दो साल बाद पटना क्यों आया था? पुलिस के मुखबिर फैले हुए थे तभी लोगों ने सुगबुहाट शुरु की। कुछ कुछ कहानियां सामने आने लगीं। कहानी शहनाज के बचपन की। जब वो 5वीं क्लास में थी और उम्र करीब 13-14 साल थी।

इसी छोटी उम्र में शहनाज की कमाल नाम के स्कूल में पढ़ने वाले लड़के से दोस्ती हो गई। दोनों की चारो तरफ चर्चा होने लगी। धीरे धीरे यह बात स्कूल के प्रिसिंपल तक पहुंची तो दोनो के मां बाप को बुलाया गया। जिसके बाद दोनों को वार्निंग दी गई। इसके बाद भी दोनों नहीं माने तो स्कूल से निकाल दिया गया दोनों बाहर हो गए। स्कूल से निकाले जाने के बाद शहनाज ने दूसरे स्कूल में दाखिला ले लिया। कमाल काम काज करने लगा। दोनों बड़े हो रहे थे और एक दूसरे से शादी करना चाहते थे।

मुश्किल ये थी कि शहनाज बड़े घर से थी और कमाल बेरोजगार। इसी बीच शहनाज के घरवालों ने लड़का देखना शुरु किया और जल्द ही उसलकी शादी जफरुद्दीन से कर दी गई। चूंकि जफरुद्दीन सऊदी अरब में नौकरी करता था तो उसका ज्यादा वक्त विदेश में रहना होता था और शहनाज़ शादी के बाद भी कमाल से मिलने जुलने लगी थी। अब कोई रोक टोक नहीं थी। सऊदी अरब में कमाए पैसों से जफरुद्दीन ने ससुराल के करीब में जमीन खरीद कर घर बनाया ताकि बच्चों की ठीक से परवरिश हो सके।

अब शहनाज छोटे बच्चों के साथ मां बाप से अलग अपने घर में रहने लगी बिल्कुल आजाद ना कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला था। कमाल और शहनाज दोनों का प्यार बढ़ने लगा। कमाल प्यार से शहनाज को शहनाज गिल और खुद को सिद्दार्थ बोलता था। बिग बॉस वाले शहनाज-सिद्धार्थ की तरह। पति विदेश में था और यहां दोनों भविष्य की प्लानिंग करने लगे। कमाल की शादी नहीं हुई थी। कमाल घर में आता जाता था।

छोटा बच्चा तो कमाल को अब्बू कह के बुलाने लगा था। धीरे धीर बड़ा बेटा समझदार होने लगा वो सबकुछ देख रहा था। एक दो बार बेटे ने फोन पर जफरुद्दीन को कमाल और अपनी मां के रिश्ते के बारे में बता दिया। जफरुद्दीन परेशान रहने लगा। शहनाज और जफरुद्दीन के बीच कूब झगड़ा भी हुआ। जफरुद्दीन ने शहनाज को बहुत समझाया लेकिन उसके सिर पर इश्क का भूत सवार था वो पीछे हटने को कतई तैयार नहीं थी।

परेशान होकर जफरुद्दीन ने सऊदी अरब की नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया। ये भी फैसला किया कि वह परिवार के साथ नोएडा में रहेगा ताकि कमाल से शहनाज का पीछा छूट जाए। सऊदी अरब से आकर जफरुद्दीन नोएडा में नौकरी करना लगा। इतना ही नहीं उसने शहनाज के पटना जाने पर रोक लगा दी।

Shams Ki Zubani: इसी तरह दो साल गुजर गए और जफरुद्दीन को लगा कि कमाल-शहनाज का रिश्ता अब खत्म हो चुका है। वो खुश था उसे यकीन हो चला था कि शहनाज का रिश्ता खत्म हो चुका है। लिहाजा उसने इस बार की ईद घर में यानि फुलवारी शरीफ में मनाने का फैसला किया। जफरुद्दीन ने बीवी को आईफोन दिया था बीच बीच मे मोबाइल भी चेक करता था लेकिन उसमें भी कुछ नहीं मिला तो जफरुद्दीन और भी इत्मीनान मे था।

जफरुद्दीन को यह जानकारी नहीं थी कि शहनाज एक दूसरा मोबाइल फोन भी इस्तेमाल करती थी वो भी शौहर से छुपाकर। शहनाज को यह सिम किसी और ने नहीं बल्कि कमाल ने ही दिया था। वो कमाल से अकेले में बातचीत किया करती थी। इसी दौरान दूसरे नोबाइल से बेखबर जफरुद्दीन ईद मनाने परिवार समेत फुलवारी शरीफ जाने की तैयारी करने लगा। शहनाज ने कमाल को बता दिया कि वो परिवार समेत पटना आ रही है और इस बार हर हाल में जफरुद्दीन को रास्ते से हटाना है।

Shams Ki Zubani: जिसके बाद परिवार पटना पहुंच गया और जब जफरुद्दीन शाम में शॉपिंग कने पटना चला गया। उसी दौरान शहनाज ने कमाल को घर बुला लिया और एक कमरे में छुपा दिया। शॉपिंग करके जफर वापस आता है सभी खाना खाते हैं। हां शहनाज किसी भी कीमत में नहीं चाहती थी कि जफरुद्दीन उसके बेडरुम में सोए। शहनाज उसे ड्राइंग रुम में सुलाना चाहती थी ताकि उसका काम तमाम किया जा सके। लिहाजा प्लानिंग के तहत जफरुद्दीन से लड़ाई शुरु कर दी और उसको बेडरुम में सोने से मना कर दिया।

जफरुद्दीन भी गुस्से में था लिहाजा वो ड्राइंगरुम में सो गया। रात करीब तीन बजे शहनाज ने कमाल को बंद कमरे से बाहर निकाला। पहले से प्रेशर कुकर रखा था लिहाजा कमाल ने वज़नी प्रेशर कुकर से जफरुद्दीन के सिर पर कई वार किए और तब तक वार किए जब तक वो मर नहीं गया। वारदात को लूट की शक्ल देने के लिए शहनाज ने अपनी गले की चेन कमाल को दे दी। मौके से कमाल भाग गया।

शहनाज ने कत्ल की स्क्रिप्ट तैयार कर रखी थी लेकिन पुलिस ने शहनाज से सख्ती से पूछताछ की तो सारा राज खुल गया। पुलिस ने शहनाज और कमाल को गिरफ्तार कर लिया। एक अंधे प्यार के चलते जफरुद्दीन के दोनों बेटों के सिर से बाप का साया उठ गया।  

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