UP ELECTION 22: बुलंदशहर के माथे पर जुर्म की गहरी कालिख, क़त्ल और रेप में लगी है रेस

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29 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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मुकुल शर्मा, मनीषा झा और विनोद शिकारपुरी के साथ सुप्रतिम बैनर्जी की रिपोर्ट

UP Election 2022: बुलंदशहर ज़िले के 7 अलग-अलग विधान सभा हल्कों से 25 लाख से ज़्यादा वोटर 66 उम्मीदवारों की तक़दीर का फ़ैसला करनेवाले हैं. लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ये वो ज़िला है जो जुर्म की वारदातों की वजह से काफ़ी बदनाम है. ऐसे में बुलंदशहर में चुनाव हो और जुर्म की बात ना हो, ये मुमकिन नहीं है. वो कौन से दाग़ी चेहरे हैं, जो इस चुनाव में या तो अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं या फिर इस चुनाव पर असर डालने का माद्दा रखते हैं, हम बुलंदशहर में क्राइम तक की सीरीज़ के तहत उस पर बात करेंगे, लेकिन आइए इससे पहले जल्दी से बुलंदशहर के क्राइम ग्राफ़ पर एक नज़र डाल लेते हैं.

27 थानों में हर साल दर्ज होते हैं 25 हज़ार मुक़दमें

UP Election 2022: क़रीब 4441 स्क्वायर किलोमीटर में फैले यूपी के इस सबसे बड़े ज़िलों में से एक बुलंदशहर में कुल 27 पुलिस थाने हैं और औसतन हर साल इन थानों में 20 से 25 हज़ार मुकदमे दर्ज किए जाते हैं.

ये आंकड़ा अपने-आप में ये बताने के लिए काफ़ी है कि यहां जुर्म के मामले में ज़िले का मिज़ाज कैसा है. लेकिन ये तो एक बात है. दूसरी और इससे भी बड़ी बात ये है कि ज़िले में दर्ज होनेवाले तमाम संगीन गुनाहों में गुनाह-ए-अज़ीम यानी क़त्ल का नंबर सबसे ऊपर है और रेप दूसरे नंबर पर.

बलात्कार के मामलों का बढ़ता ग्राफ

UP Election 2022: हर साल औसतन क़रीब सौ लोग यहां मौत के घाट उतार दिए जाते हैं और रेप उससे बस थोड़ा ही कम रहता है.

- साल 2019 की बात करें तो यहां सबसे ज़्यादा 107 क़त्ल के मामले दर्ज हुए

- इसके बाद 77 केसेज़ के साथ बलात्कार का दूसरा नंबर रहा

- ज़िले में लूट की 52 वारदात के मामले दर्ज किए गए

इसी तरह साल 2020 में

- सबसे ज़्यादा 95 क़त्ल के केस रजिस्टर्ड हुए

बलात्कार की 54 वारदात दर्ज हुईं

लेकिन लूट का ग्राफ नीचे आया और 25 मामले ही दर्ज हुए

जबकि पिछले साल यानी 2021 में

69 हत्याओं के साथ इस ज़िले में क्राइम सुर्खियों में रहा

जबकि 53 बलात्कार के साथ गुनाहों के ग्राफ में दूसरे नंबर पर ही बना रहा

लेकिन लूट की घटनाएं और कम हुईं और सिर्फ 14 मामले ही सामने आए

बुलंदशहर में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा
UP Election 2022: यानी आंकड़ों के हिसाब से इस ज़िले में क़त्ल के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है, क्योंकि बलात्कार की वारदातें बहुत ज़्यादा हैं. बहरहाल.. जुर्म के साये में ऐसे उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं, जिन पर छोटे-मोटे कई मुक़दमे दर्ज हैं.

लेकिन चुनाव के मैदान में अपने क्रिमिनल ट्रैक रिकॉर्ड की वजह से ज़िले में जो दो नाम सबसे ज़्यादा सुर्खियों में हैं, वो हैं हाजी यूनुस और गुड्डू पंडित का नाम. जी हां, पेशे से कसाई यानी स्लॉटर हाउस मालिक हाजी यूनुस पर क़त्ल तो नहीं, लेकिन क़त्ल की कोशिश समेत दूसरे कई तरह के गुनाहों के कुल 23 मामले दर्ज हैं।

इस बार तो बाक़ायदा योगी सरकार ने हाजी-जी पर दर्ज मुक़दमों की ये फेहरिस्त सार्वजनिक कर दी है और इशारों ही इशारों बाबा-जी ख़ुद हाजी-जी जैसे लोगों और उनकी पार्टी यानी सपा पर हमला बोल रहे हैं.

गुड्डू पंडित के साथ डबल धोखा

UP Election 2022: उधर, बुलंदशहर के डिबाई विधान सभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके श्रीभगवान शर्मा उर्फ़ गुड्डू पंडित के साथ इस बार 'डबल धोखा' हुआ है. असल में विरोधियों की नज़र में अव्वल दर्जे के बदमाश गुड्डू पंडित इस बार सपा से अपनी क़िस्मत आज़माना चाहते थे.

अखिलेश ने उन्हें पार्टी में तो ले लिया, लेकिन टिकट नहीं दी. ऐसे में उन्होंने शिव सेना से नामांकन दाखिल किया, लेेकिन आख़िरकार वो भी ख़ारिज हो गया.

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