पंजशीर पर जीत की झूठी ख़बर पर तालिबान का जश्न, जश्न में फायरिंग के दौरान मारे गए 17, 41 हुए घायल

At least 17 killed in celebratory gunfire in Kabul

CrimeTak

04 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)

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दरअसल शुक्रवार शाम को ही ये अफवाह फैलना शुरु हो गई थी कि पंजशीर पर तालिबान आतंकियों का कब्जा हो गया है और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद शाह मसूद का बेटा अहमद मसूद पंजशीर छोड़कर भाग गए हैं।

बस अफवाह फैली और इससे सुनने के बाद तालिबानी आतंकियों ने काबुल में जश्न मनाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी। इस फायरिंग की चपेट में आकर 17 लोगों की मौत हो गई जबकि 41 लोग घायल हो गए। खबर ये भी है कि नंगरहार में भी तालिबान की फायरिंग में 14 लोग घायल हुए हैं।

इस बात की पुष्टि नंगरहार के अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टरों ने भी की है। दुनिया के सामने खुद को बदला हुआ बता रहे तालिबानी नेताओं को जब अपने कारिंदों की करतूत की खबर लगी तो तालिबान के प्रवक्ता जेबुल्लाह मुजाहिद ने टिव्टर पर अपना पैगाम लिख डाला।

“ हवा में गोलियां चलाना बंद करो और ऊपर वाले का शुक्रिया करो, जो हथियार और गोलियां तुम्हें मिली हैं वो जनता की प्रॉपर्टी है, किसी को इसको यूं ही बेकार करने का अधिकार नहीं है, गोलियां आम शहरियों को भी लग सकती हैं, फालतू में फायरिंग ना की जाए ”

जेबुल्लाह मुजाहिद, प्रवक्ता, तालिबान

दूसरी ओर पंजशीर घाटी में तालिबान से लोहा ले रहे अमरुल्ला सालेह ने इस बात की तस्दीक करी कि तालिबान ने उन पर हमला कर दिया है और ये बुरा वक्त है। सालेह ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि हम तालिबान का पुरजोर विरोध कर रहे हैं और करते रहेंगे।

तालिबान और पंजशीर में तालिबानी विरोधी सेना पर्यन जिले को लेकर अलग-अलग कब्जे के दावे कर रहे हैं हालांकि इस जिले पर तालिबान और विरोधी सेनाएं कई बार कब्जा कर चुकी हैं।

पंजशीर घाटी को लेकर तालिबान और विरोधी सेना में खूनी झड़पें हो रही हैं। हालांकि दोनों अपनी जीत का दावा सोशल मीडिया से कर रहे हैं लेकिन धरातल पर क्या स्थिति है इसका पता किसी को नहीं है।

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