तिहाड़ जेल पर क्राइम तक का खुलासा लगातार जारी है. क्राइम तक पर ही अंकित गुर्जर की तिहाड़ जेल में हुई हत्या से लेकर कैदी के खुलासे और जेल अधिकारियों पर हुए एफआईआर की सबसे पहले खबर आई थी. अब एक नया खुलासा हुआ है.
अंकित गुर्जर हत्याकांड : पिटाई से ठीक पहले तिहाड़ जेल में CCTV कैमरे को किया था बंद
Ankit Gurjar murder case: Just before the beating, the CCTV camera in Tihar Jail was closed
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11 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:03 PM)
दरअसल, जेल में बंद एक आरोपी और सेवादार ने दावा किया है कि जब अंकित गुर्जर की पिटाई की गई थी तब वहां लगे सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया गया था. ताकी कैमरे में सबूत के तौर पर कोई फुटेज ना आ जाए.
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विकास साल 2014 से तिहाड़ जेल में बंद है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने विकास को सेवादार बनाया हुआ था. जेल में सेवादार कोई अलग से व्यक्ति नहीं होता है. बल्कि कैदियों में से ही कुछ को सेवादार बनाया जाता है. इनका काम कैदियों को मैनेज करना और जेल प्रशासन का सहयोग करना होता है. जिससे जेल के अंदर की व्यवस्था को सुचारू तरीके से चलाया जा सके.
विकास ने वीडियो में दावा किया है कि वो जेल में 2014 से जेल नंबर-3 में बंद है. 3 अगस्त की शाम को सवा 5 बजे जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट का फोन आया था. उस समय पहले उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त को लेकर अलार्म चेक करना है.
मैंने अलॉर्म बजाया. उसके बाद डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा 70-80 जवान अपने साथ ले आए और फिर जेल में सर्चिंग करने लगे. फिर अंकित गुर्जर की चक्की में भी गए.जहां उन्हें अंकित के पास से मोबाइल फोन और डाटा केबल मिला था.
इसके बाद नरेंद्र मीणा अपने साथ अंकित गुर्जर से अलग बात करने लगे. दोनों में थोड़ी देर तक बात हुई. तभी नरेंद्र मीणा ने अंकित गुर्जर को थप्पड़ मार दिया. इसी बीच अंकित गुर्जर ने पलटकर नरेंद्र मीणा को भी थप्पड़ मार दिया.
इसी के बाद ही जेल के सुपरिंटेंडेंट नरेंद्र मीणा ने जेल के सीसीटीवी बंद करवा दिए थे. इसके बाद फिर से 30-35 स्टाफ बुलाकर ले आए. आखिर में अंकित गुर्जर को रिमांड रूम में ले आया गया. इसके बाद उसकी जमकर पिटाई की गई. उसका दावा है कि अंकित को तब तक मारा जब तक वो बेहोश नहीं हो गया.
बेहोश होने के बाद इसको हॉस्पिटल ले जाने के लिए बोला गया. हमलोग जेल के हॉस्पिटल ले गए. फिर अंकित को DDU हॉस्पिटल रेफर करने के लिए कहा गया, लेकिन हॉस्पिटल रेफर नहीं किया गया.
इसके बजाय जेल में रखा गया. इसके बाद उसकी मौत हो गई थी. कैदी के इस दावे के बाद अब बताया जा रहा है कि मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस जल्द ही उसका बयान दर्ज करेगी.
इस मामले में दिल्ली के हरिनगर थाने में डिप्टी जेलर नरेंद्र मीणा के खिलाफ अंकित गुर्जर की हत्या के आरोप में रिपोर्ट दर्ज है. इसके अलावा घटना का संज्ञान लेते हुए डिप्टी जेलर समेत 4 जेल अधिकारियों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है.
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