तालिबान के राज में अगर सबसे ज़्यादा मुसीबत किसी पर आई है, वो हैं अफ़ग़ानिस्तान की महिलाएं और वहां के कलाकार। क्योंकि तालिबान जिस शरिया क़ानून के हवाले से अफ़ग़ानिस्तान पर राज करना चाहता है, उसमें इन दोनों के ख़िलाफ़ इतनी पाबंदियां हैं कि तालिबान के पहले क़दम के साथ ही इनकी ज़िंदगी मुहाल हो गई है। कई कलाकारों और महिलाओं की तो तालिबानी पहले ही जान ले चुके हैं।
अफ़ग़ान में महिलाओं व कलाकारों के लिए क्या हैं तालिबान के निर्देश, जानकर रह जाएंगे दंग
Aghanistan पर कब्ज़े के बाद महिलाओं और कलाकारों के लिए जारी किये गए Taliban निर्देश, महिलाओं की शिक्षा और कपड़ो पर पांबंदी, Read more Taliban news, crime news in Hindi and crime aaj tak on CrimeTak
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31 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
महिलाओं के जींस पहनने, उनके घर से बाहर निकलने, उनके पढ़ने-लिखने जैसी बातों पर सख्त पाबंदी के हिमायती तालिबान ने फिलहाल महिलाओं और कलाकारों को लेकर कुछ डूज़ एंड डोंट्स जारी कर दिए हैं।
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यानी तालिबान के राज में महिलाओं और कलाकारों को क्या करना है और क्या नहीं, इसका खाका खींच दिया है। और इस खाके को तोड़ने का मतलब क्या होता है, ये अब किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है।
अफ़ग़ानिस्तान में लड़के-लड़की को एक साथ शिक्षा नहीं
तालिबान ने साफ़ कर दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान की लड़कियां पढ़ तो सकेंगी, लेकिन वहां ना तो कोई को-एडुकेशन होगा और ना ही कोई पुरुष शिक्षक किसी लड़की को पढ़ाएगा। तालिबान के कार्यवाहक शिक्षा मंत्री अब्दुल बाक़ी हक्कानी ने कहा है कि लड़कियों को स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक पढ़ने की इजाज़त होगी।
लेकिन ना तो लड़के साथ पढ़ेंगे और ना ही कोई पुरुष शिक्षक उन्हें पढ़ाएगा। ऐसे में बहुत से लोगों को अब लगने लगा है कि अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों के लिए हायर एडुकेशन यानी उच्च शिक्षा के दिन अब लद गए।
आपको याद होगा पिछले हफ्ते ही तालिबान के प्रवक्ता ने अफ़ग़ानी महिलाओं से ये कहा था कि अभी वो कुछ दिनों के लिए काम पर जाने के लिए घर से बाहर ना निकलें, क्योंकि सारे तालिबानी लड़ाकों को अभी इस बात की ट्रेनिंग भी नहीं है कि महिलाओं से कैसे पेश आया जाए। अब ज़ाहिर है, जिस देश के मुहाफ़िज़ ही बेलग़ाम हों, वहां कैसा राज होगा, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
गीत-संगीत और टीवी में महिलाओं पर पाबंदी
तालिबान शुरू से ही मौसिकी यानी गीत संगीत के खिलाफ़ रहा है। क्योंकि तालिबानी आतंकियों का मानना है कि गीत संगीत इस्लाम में हराम है। तालिबान ने इस बार भी अपना वही खटराग दोहराया है। कांधार के रेडियो और टीवी चैनल्स पर पहले ही महिलाओं के काम पर पाबंदी लगा दी गई है। इसी के साथ तालिबान ने ये भी साफ़ कर दिया है कि फिल्म और गायकों को अपना मौजूदा पेशा या मौजूदा शौक बदलना पड़ेगा, क्योंकि उनके राज में ये सारी ‘ग़ैर इस्लामी’ चीज़ें नहीं चलेंगी।
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