AFGHANISTAN/TALIBAN GOOD DECISION : अब तालिबान का नया पैंतरा सामने आया है। तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं की जबरन शादी पर रोक लगाने का फैसला लिया है। हालांकि, तालिबान के इस फैसले को विकसित देशों से मान्यता हासिल करने के लिए एक पैंतरे के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए खुशखबरी ! अब नहीं होगी महिलाओं की जबरन शादी !
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04 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:10 PM)
तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंजादा (Hibatullah Akhunzada) ने इस फैसले की घोषणा की। अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। हालांकि अभी उसे मान्यता नहीं मिली है जिस कारण विदेशों से अफगानिस्तान को मिलने वाली सारी सुविधाएं और फंड बंद हो गए हैं और देश गरीबी की कगार पर खड़ा हो गया है।
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अखुंजादा ने अपनी घोषणा में कहा, 'दोनों (महिला और पुरुष) बराबर होने चाहिए। कोई भी महिलाओं को जबरदस्ती या दबाव में शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।' अफगानिस्तान में गरीबी और रूढ़िवादी सोच के कारण महिलाओं की जबरन शादी आम बात हो गई थी। कई लोग अपने परिवार का पेट पालने और कर्ज उतारने के लिए अपनी बेटियों की जबरन शादी करवा देते थे।
तालिबान की ओर से जारी आदेश में जबरन शादी पर रोक तो लगा दी गई है, लेकिन इसमें अभी भी न्यूनतम उम्र का जिक्र नहीं है। पहले ये 16 साल निर्धारित थी। अफगानिस्तान में हत्या के बदले या झगड़ा खत्म करने के लिए भी महिलाओं की शादी करा दी जाती है, लेकिन अब तालिबान ने कहा है कि वो इस प्रथा के खिलाफ है।
तालिबान ने ये भी कहा कि अगर किसी महिला के पति की मौत हो जाती है तो वो 17 हफ्ते बाद दूसरी शादी कर सकती है। कबीलों में लंबे वक्त से एक प्रथा ये भी चल रही है कि अगर किसी महिला के पति के मौत हो गई है तो वो अपने पति के भाई या किसी रिश्तेदार से ही शादी कर सकती है, लेकिन तालिबान ने कहा है कि अब विधवा महिला मर्जी से अपना पति चुन सकती है। तालिबान ने ये भी कहा है कि उसने अफगानिस्तान की अदालतों को महिलाओं के साथ, खासतौर से विधवा महिलाओं के साथ सही बर्ताव करने का आदेश दिया है।
तालिबान ने ये आदेश ऐसे समय जारी किया है जब 7वीं से 12वीं तक की हजारों लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं मिली है. इतना ही नहीं, तालिबान ने सत्ता में आने के बाद ही कामकाजी महिलाओं के काम पर लौटने पर प्रतिबंध भी लगा रखा है.
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