Delhi Crime: साइबर ठगों का नया पैंतरा, फाइनेंस मिनिस्ट्री का अधिकारी बनकर ठगी

Delhi News: आपके पास किसी भी कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी है तो सावधान हो जाएं, अगर किसी वजह से आपकी पॉलिसी लैप्स हो चुकी है तो और ज्यादा सावधान हो जाएं।

CrimeTak

13 Dec 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:31 PM)

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Delhi Cyber Crime News: खुद को फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) का अधिकारी (Officer) बताकर इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) धारकों को ठगने वाले एक गैंग (Cheater Gang) को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर (Cyber) यूनिट में गिरफ्तार किया है। लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए यह लोग खुद को सीधे फाइनेंस मिनिस्ट्री का अधिकारी बताते थे।

गैंग के सदस्य जो डॉक्यूमेंट जारी करते थे उस पर फाइनेंस मिनिस्टर के अलावा दूसरे बड़े अधिकारियों के जाली दस्तखत भी होते थे। अगर आपके पास किसी भी कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी है तो सावधान हो जाएं, अगर किसी वजह से आपकी पॉलिसी लैप्स हो चुकी है तो और ज्यादा सावधान हो जाएं।

सावधानी इसलिए जरुरी है क्योंकि हो सकता है कि आपका डाटा ठगों के हाथ लग गया हो और वह आपको ठगने के लिए ताक में बैठे हो। दरअसल यह लोग सबसे पहले डाटा का इंतजाम करते थे। एक बार जब इनके हाथ ऐसे लोगों का डाटा लग जाता जिनकी पॉलिसी किसी वजह से रुक गई हो, तो फिर यह उनको टारगेट करना शुरू कर देते हैं।

यह गैंग ऐसे लोगों को मेल भेजा करते थे और वह मेल देखकर सामने वाले को ऐसा लगता कि यह मेल सीधे फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जारी की गई हो। फिर ठग उनसे कहा करते कि जो रकम आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में फंस गई है वह उन्हें इंटरेस्ट के साथ वापस मिल जाएगी और फिर सामने वाले को जब यकीन हो जाता तो यह एनओसी जारी करने के नाम पर, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर जितनी रकम हो सकती सामने वाले से निकाल लेते और फिर उसके नंबर को ब्लॉक कर दिया करते थे।

एक शख्स ने इस बात की शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस से की जिसके बाद इसकी जांच दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएसएस यूनिट को दी गई और फिर पुलिस ने इस मामले में जांच कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस गैंग का मास्टरमाइंड महताब आलम है, जिसे पुलिस ने दिल्ली के मुस्तफाबाद से पकड़ा। बाकी के आरोपियों के नाम सरबाज खान, मोहम्मद जुनेद और  दीन मोहम्मद है।

पुलिस को इनके पास से 3000 लोगों के डाटा मिले हैं पुलिस यह पता लगा रहे हैं कि अब तक इन लोगों ने इनमें से कितने लोगों को अपना शिकार बना लिया है और कितने लोगों को शिकार बनाने की जुगत में थे। आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन एक लैपटॉप और कई बैंकों के एटीएम कार्ड बरामद की हैं इनके खंगालने पर पुलिस को पता लगा कि किस तरीके से यह जाली दस्तखत वाले ईमेल लोगों को भेजा करते थे।

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