Digitalization के इस दौर मे हर इंसान टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह निर्भर है.आज इंसान छोटी से छोटी चीज़ की जानकारी हो या बड़े से बड़ा काम बस कुछ क्लिक्स पर कर लेता है.टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दुनिया ने इतनी ज्यादा तरक्की कर ली है उनके ऊपर खतरा भी उतना ही बड़ा है.कोई भी इंसान कंप्यूटर में काम करता है तो उसे हमेशा डर रहता है कि कहीं उसका भी कंप्यूटर कोई हैक न कर ले.और ये डर सच साबित हुआ है. असल में चीन की ओर से लगतार हो रहे साइबर अटैक ने दुनिया की सुरक्षा व्यवस्था को खतरें में डाल दिया है.
CHINA में बैठे हैकर्स विदेशी कंपनियों और संस्थाओं पर करे रहे हैं हमले?
China accused of cyber-attack on Microsoft Exchange servers
ADVERTISEMENT
20 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:01 PM)
माइक्रोसॉफ्ट के एक्सचेंज सर्वर पर हुआ साइबर अटैक
ADVERTISEMENT
चीन में बैठे हैकर्स विदेशी कंपनियों और संस्थाओं पर लगतार हमले करे रहे हैं. इस बीच अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने चीन पर बड़ा साइबर हमला करने का आरोप लगाया है. ये हमला अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट के एक्सचेंज सर्वर पर किया गया.जिससे दुनिया भर में कम से कम 30 हज़ार सर्वर प्रभावित हुए.
चीन ने किया दुनिया के कई बड़े देशों पर साइबर हमला
अमेरिका और ब्रिटेन ने जहां इस हमले के लिए चीनी सरकार समर्थित पक्षों को ज़िम्मेदार ठहराया है. वहीं, यूरोपीय संघ ने दावा किया है कि ये हमला चीनी क्षेत्र से किया गया...यूरोपीय यूनियन ने अपने बयान में कहा कि इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रवैये और हानिकारक व्यवहार की वजह से यूरोपीय संघ की सरकारी और निजी संस्थाओं को आर्थिक नुकसान हुआ है.
अमेरिका और ब्रिटेन ने चीन की मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेट सिक्योरिटी पर भी व्यापक जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया है.ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा है कि चीनी सरकार को सिस्टमैटिक साइबर अटैक से जुड़ी ये गतिविधियां बंद करनी चाहिए और ऐसा नहीं करने पर इसके लिए बीजिंग को ज़िम्मेदार ठहराए जाना चाहिए.साथ ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि चीन समर्थित समूहों की ओर से माइक्रोसॉफ़्ट एक्सचेंज सर्वरों पर हमला हैरान करने वाली घटना है.
बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन पहले भी चीन पर साइबर हमले का आरोप लगाते रहे हैं..लेकिन इस बार यूरोपीय संघ ने साइबार अटैक मामले में चीन का नाम लिया है जो कि बताता है कि हैकिंग की इस घटना को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा हैं.हालांकि चीन हैकिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है. और कहता है कि वो सभी तरह के साइबर अपराधों के ख़िलाफ़ है.
ADVERTISEMENT