Ankita Murder Case : अंकिता भंडारी मर्डर केस में आरोपियों पर साजिश की धारा नहीं चलेगी. असल में कोर्ट ने आईपीसी की धारा-120बी को जोड़ने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि ये धारा पहले ही दर्ज थी. लेकिन पुलिस की जांच के बाद हटा दी गई थी. जिसके बाद अभियोजन पक्ष के वकील ने इसे फिर से जोड़े जाने की याचिका दायर की थी. क्या है 19 साल की अंकिता भंडारी केस से जुड़े नए अपडेट की खबर. आइए जानते हैं.
अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ साजिश की धारा-120B जोड़ेने वाली याचिका इस वजह से खारिज
Ankita Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों पर साजिश की धारा चलाने वाली मांग की याचिका हुई खारिज.
ADVERTISEMENT
Ankita Bhandari Murder Case
28 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 28 2023 9:55 PM)
ADVERTISEMENT
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के देहरादून में पौड़ी की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भारतीय दंड विधान की धारा 120 (बी) जोड़ने की प्रार्थना करने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी । अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अवनीश नेगी ने 17 अगस्त को इस संबंध में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने अपना निर्णय सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था ।
अवनीश नेगी ने बताया कि न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की शुरूआत में जब यह धारा जुड़ी हुई थी तो फिर बीच में इसे क्यों हटवाया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने कहा कि यह धारा एक बार जुड़ चुकी थी और फिर उसे हटाया गया तो अब इसे पुनः जोड़े जाने का कोई औचित्य नहीं है । यह धारा आपराधिक षडयंत्र से जुड़ी है। इस बीच, अंकिता के रिश्तेदार आशुतोष नेगी ने कहा कि इस धारा को मुकदमे में शामिल करवाने के लिए वे लोग उच्च न्यायालय की शरण लेंगे । उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिवक्ताओं से बात की जा रही है।
ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में ‘रिसेप्शनिस्ट’ के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अभियोजन पक्ष से हटाए जाने के बाद आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित सजवाण ने सोमवार को अचानक मुकदमे से अपना नाम वापस ले लिया ।
जवाण ने मुकदमे से नाम वापस लेने का कारण पारिवारिक बताया है । शुरूआत में अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए राज्य सरकार ने सजवाण को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था । हांलांकि, अंकिता के माता-पिता और परिजनों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सजवाण मुकदमे में ठीक से पैरवी नहीं कर रहे हैं जिससे केस कमजोर हो रहा है । इस पर सरकार ने उन्हें इस जिम्मेदारी से हटा दिया था । बाद में उन्होंने आरोपियों की तरफ से मुकदमा लडने की जिम्मेदारी संभाली थी लेकिन आज उससे भी उन्होंने नाम वापस ले लिया ।
उधर, सजवाण के स्थान पर नियुक्त किए गए विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र रावत पर भी अंकिता के परिजनों ने अविश्वास जताया था और उन पर भी केस को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी । इसके बाद रावत के स्थान पर सरकार ने इसकी जिम्मेदारी अवनीश नेगी को सौंपी है । मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी । भाषा सं दीप्ति दीप्ति राजकुमार
ADVERTISEMENT