UP Lakhimpur Kheri : यूपी के लखीमपुर खीरी में दो दलित नाबालिग बहनों को अगवा कर गैंगरेप (Gang Rape) और फिर मर्डर (Murder) की वारदात में 4 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं. इन चारों दोषियों में से 2 को आजीवन कारावास और दो को 6-6 साल की सजा सुनाई गई है. साल 2022 में 14 सितंबर को हुई इस घटना से सनसनी मच गई थी. आखिर क्या थी घटना. और अब क्या सजा मिली है. पहले जानते हैं कोर्ट ने क्या सजा दी है.
UP News : नाबालिग बहनों से रेप-मर्डर के मामले में दो दोषियों को उम्रकैद, दो को 6-6 साल की सजा
UP Lakhimpur Kheri News :उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की एक अदालत ने दो दलित नाबालिग बहनों का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने और फिर हत्या के मामले में सोमवार को चार दोषियों को सजा सुनायी है।
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15 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 15 2023 7:05 AM)
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की एक अदालत ने अनुसूचित जाति समुदाय की दो नाबालिग बहनों का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने और फिर हत्या के मामले में सोमवार को चार दोषियों को सजा सुनायी है। अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास और दो को छह-छह वर्ष की सजा सुनायी है। विशेष लोक अभियोजक (POCSO Act) बृजेश पांडेय ने बताया कि विशेष पॉक्सो अदालत के अपर सत्र व जिला न्यायाधीश राहुल सिंह की अदालत ने मामले में दो आरोपियों जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 46-46 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
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Dalit girl gangrape murder : इसके अलावा करीमुद्दीन और आरिफ को छह-छह वर्ष कैद की सजा सुनाने के साथ पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने चारों आरोपियों को 11 अगस्त को दोषी करार देते हुए 14 अगस्त की तारीख सजा सुनाने के लिए तय की थी। उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर, 2022 को निघासन कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की दो दलित नाबालिग बहनों का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। दोनों किशोरियों के शव गांव के पास गन्ने के खेत के पास एक पेड़ पर लटके पाए गए थे।
लोक अभियोजक ने बताया कि विशेष पॉक्सो अदालत के अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश राहुल सिंह ने मुख्य आरोपी जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 376 डीए (16 साल से कम उम्र की लड़की से सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए सजा), 452 (घर में घुसपैठ करना), धारा 34 (एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य), धारा 201 (सबूत गायब करना) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था।
उन्होंने कहा कि करीमुद्दीन और आरिफ नाम के दो अन्य आरोपियों को अदालत ने धारा 201 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत दोषी ठहराया था। उन्होंने बताया कि मामले में हत्या, बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम तथा अनुसूचित जाति- जनजाति उत्पीड़न निवारण अधिनियम की कई अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि मामले को सुलझाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसआईटी ने अपराध के सिलसिले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो नाबालिग पाए गए। एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करने के बाद 28 सितंबर 2022 को विशेष पॉक्सो अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।
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