सात साल की सजा के खिलाफ आजम की अपील खारिज, दो बर्थ सर्टिफिकेट मामले में आज़म, अब्दुल्ला और पत्नी तजीन फातिमा की सजा बरकरार

UP News: आजम समेत आजम खान और ताजीन फातिमा जेल में हैं बंद, फिलहाल सजा जारी रहेगी।

अदालत का फैसला

अदालत का फैसला

23 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 23 2023 7:05 PM)

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रामपुर से आमिर खान की रिपोर्ट

Rampur Azam News: आजम खान के लिए अदालत में आज का दिन खट्टा मीठा रहा कहीं उनको राहत मिली तो कहीं जोरदार झटका मिला, रामपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत सेशन ट्रायल में आज आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को लेकर दो मामलों में फैसला आना था। पहला मामला था आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान और उनकी पत्नी डॉ तजीन फातिमा द्वारा सेशन कोर्ट में दाखिल अपील पर जो की रामपुर के ही एमपी एमएलए विशेष अदालत (मजिस्ट्रेट ट्रायल) द्वारा अब्दुल्लाह आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र के मामले में तीनों को 7-7 साल की अधिकतम सजा सुनाए जाने के आदेश के खिलाफ की गई थी। इस मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए अपील खारिज करने का आदेश दिया है। 

Azam Khan परिवार को नहीं मिली राहत

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और पत्नी डॉक्टर तज़ीन फातिमा की अर्जी पर सुनवाई सेशन कोर्ट में पूरी हो गई थी। अब्दुल्लाह आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के मामले में रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट मैजिस्ट्रेट ट्रायल से 7 वर्ष की अधिकतम सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध आजम खान पक्ष ने एमपी एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी जिस पर सुनवाई आज पूरी हो गई इस मामले में आजम खान को शनिवार सुबह सीतापुर जेल से रामपुर लाया गया। 

सात साल की सजा के खिलाफ अपील

तीनों फिलहाल जेल में बंद है। आजम खान सीतापुर, अब्दुल्लाह आजम खान हरदोई और उनकी पत्नी रामपुर जेल में बंद है। अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने बताया कि यह मामला आजम खान के द्वारा और उनके बेटे के द्वारा जो दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए थे उसके ऊपर यह मामला था और पहला जन्म प्रमाण पत्र जिसमें उन्होंने शिक्षा ग्रहण की वह 1 जनवरी 1993 था और 25 साल के बाद उनको पता चला कि उनकी उम्र उनकी पैदाइश 1990 की है। जबकि उनकी माताजी ने 17 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम में एक एप्लीकेशन दी गई।

कोर्ट ने सुनाया फैसला

अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने बताया कि इस एप्लीकेशन पर उन्होंने यह कहा कि किन्हीं कारणों से उनकी जन्मतिथि की आवश्यकता है। उस पर एक शपथ पत्र दिया और उस शपथ पत्र के आधार पर उन्होंने लखनऊ नगर निगम से उनका जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ। वहां पर जो एफिडेविट उन्होंने दिया था उसमें इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके बेटे की जन्म तिथि 1 जनवरी1993 जो रामपुर नगर पालिका में पंजीकृत थी उससे उन्होंने शिक्षा वगैरा ग्रहण की है। यह फैक्ट उन्होंने छुपाया था उसी से रिलेटेड यह मामला था जो अदालत में चल रहा है। 

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