UP (PTI News) : बहराइच जिले की महसी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह को सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिये गठित यहां की एक विशेष अदालत ने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को धमकी देने के 21 साल पुराने मामले में दो साल कैद और ढाई हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मुन्नू लाल मिश्र ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अदालत ने सजा सुनाए जाने के बाद विधायक को फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिये जमानत दे दी है।
UP: बहराइच के BJP विधायक ने SDM को दी थी धमकी, अब 2 वर्ष कैद की सजा
Bahraich news : बहराइच जिले की महसी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह को सजा.
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भाजपा के विधायक सुरेश्वर सिंह File Photo
07 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 7 2024 11:35 AM)
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4 जनवरी को सुनाया गया ये आदेश
यह आदेश चार जनवरी को सुनाया गया था, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) 1951 के प्रावधानों के तहत दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि को सजा की तारीख से ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहती है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दो सितंबर 2002 को महसी तहसील के उपजिलाधिकारी लाल मणि मिश्र ने हरदी थाने में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सुरेश्वर सिंह ने एसडीएम कार्यालय में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धमकी दी थी।
चार जनवरी को सांसद/विधायक अदालत (एमपी-एमएलए अदालत) के न्यायाधीश अनुपम दीक्षित ने विधायक को दो साल कैद एवं ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आदेश के अनुसार, जुर्माना अदा न करने पर उन्हें सात दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाये जाने के बाद भाजपा विधायक सिंह को अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिये जमानत दे दी। अदालत से सजा सुनाये जाने के बाद राज्य के कई जनप्रतिनिधियों को सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जा चुका है। बीते वर्ष 15 दिसंबर को सोनभद्र जिले के दुद्धी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रामदुलार गोंड को बलात्कार के एक मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
यूपी में पहले किस विधायक को मिली क्या सजा
इसके पहले नफरत भरे भाषण मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद अक्टूबर 2022 में रामपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक आजम खान और फरवरी 2023 में सरकारी काम में रुकावट पैदा करने एवं धरना-प्रदर्शन मामले में सजा सुनाये जाने के बाद स्वार के उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था। इसके अलावा 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाये जाने के बाद मुजफ्फरनगर के खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
वहीं, बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्नाव के बांगरमऊ निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सेंगर को पहले ही भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। पिछले साल मई की शुरुआत में उत्तर प्रदेश की एक अदालत द्वारा अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और चार साल कैद की सजा सुनाये जाने के बाद गाजीपुर के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अफजाल अंसारी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। फर्जी अंक पत्र मामले में एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाये जाने के बाद अयोध्या जिले के गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को भी पिछले सत्र में अयोग्य घोषित किया गया था। 19 अप्रैल 2019 को हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था।
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