UP News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ इस साल दर्ज की गई एक FIR को चुनौती देने वाली याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। इस साल मार्च में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान एक चुनावी सभा में अब्बास अंसारी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती देने वाली याचिका खारिज UP Allahabad High Court News : Petition challenging the FIR lodged against Abbas Ansari dismissed read crime news
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13 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:18 PM)
दरअसल, अब्बास अंसारी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं होने दिया जाएगा. उन अधिकारियों से पूरा हिसाब लिया जाएगा। इसी मामले को लेकर अब्बास के खिलाफ यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
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न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की पीठ ने इस आधार पर यह याचिका खारिज कर दी कि पुलिस इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और इस तरह से यह याचिका निरर्थक हो गई है। इससे पहले, 29 मार्च को अदालत ने जवाबी हलफनामा मांगते हुए अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। एक चुनावी सभा में उन्होंने कथित रूप से कहा था कि राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं होने दिया जाएगा. उन अधिकारियों से पूरा हिसाब लिया जाएगा। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में चार मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ और 506 के तहत उनके प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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