Thane News : सड़क हादसे में मृत एक शख्स के परिवार को मुआवजे के तौर पर 1.35 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. ये आदेश एक ट्रिब्यूनल ने दिया है. असल में हादसे में मरने वाले शख्स को महीने की 1 लाख रुपये लगभग सैलरी थी. इस लिहाज से रिटायरमेंट तक वो जितनी आमदनी करते और उसे आधार बनाते हुए ट्रिब्यूनल ने पूरा मुआवजा देने का आदेश दिया है.
सड़क हादसे में हुई थी मौत, जितनी सैलरी पाते थे मरने वाले उसे हिसाब लगा परिवार को 1.35 करोड़ मुआवजा देने का आदेश
Thane News : मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 48 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को 1.35 करोड़ रुपये का मुआवजा देना का आदेश दिया है।
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Court News (सांकेतिक फोटो)
27 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 27 2024 5:15 PM)
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 48 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को 1.35 करोड़ रुपये का मुआवजा देना का आदेश दिया है। एमएसीटी के अध्यक्ष एसबी अग्रवाल ने 12 फरवरी को पारित आदेश में कहा कि दोषी बस का मालिक और उसकी बीमा कंपनी संयुक्त रूप से मुआवजे की राशि का भुगतान याचिका दायर करने की तारीख से वसूली तक 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ करें। आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध करायी गयी।
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ग्यारह नवंबर 2018 को महाराष्ट्र के सिन्नर-शिरडी रोड पर एक बस की पीड़ित के वाहन से टक्कर हो जाने से पीड़ित, ठाणे के मीरा रोड इलाके के निवासी एग्नेल इयपुन्नी चक्रमाकिल और कार में सवार चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। याचिकाकर्ता एग्नेल की 52 वर्षीय पत्नी और 31 साल के बेटे ने तर्क दिया कि बस चालक वाहन को लापरवाही से चला रहा था जिससे भीषण टक्कर हुई। उन्होंने एग्नेल की मौत के लिए 2.70 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी।
बस का मालिक न्यायाधिकरण के सामने पेश नहीं हुआ, इसलिए मामले में उसके खिलाफ एकपक्षीय फैसला सुनाया गया। न्यायाधिकरण ने एग्नेल की एक लाख रुपये की मासिक आय और भविष्य की आय की संभावनाओं के लिए 30 प्रतिशत अतिरिक्त रकम को ध्यान में रखते हुए दावे की गणना की। एमएसीटी ने मृतक की उम्र के आधार पर मुआवजे की गणना की जिससे मुआवजे का आंकड़ा 1,35,90,052 रुपये पर पहुंच गया, जिसमें आय, संपत्ति, सहायता संघ और अंतिम संस्कार का खर्च शामिल हैं। न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि पीड़ित की पत्नी के लिए एक करोड़ रुपये और उसके बेटे के लिए पांच लाख रुपये सावधि जमा में रखे जाएं और शेष एवं अर्जित ब्याज का भुगतान महिला को खाते में भुगतान किये जाने वाले चेक के माध्यम से किया जाए।
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