Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में हत्या के एक मामले की सुनवाई के दौरान अचानक वही 11 साल का बच्चा सामने आ गया, जिसकी हत्या का आरोप उसके नाना और मामा पर लगा था. अपने ही मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए बच्चे ने कोर्ट को बताया कि वह जिंदा है और उसके नाना और मामा को गलत तरीके से उसकी हत्या के झूठे केस में फंसाया गया है, जबकि वह जिंदा है और मौजूद है. अदालत के समक्ष. .
जज साहब मैं जिंदा हूं...जब सुप्रीम कोर्ट में अपने ही मर्डर केस मैं 11 साल का बच्चा पहुंचा
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में हत्या के एक मामले की सुनवाई के दौरान अचानक वही 11 साल का बच्चा सामने आ गया
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Crime Tak
11 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 11 2023 9:45 AM)
दरअसल, यह मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का है, जहां इस मामले में याचिका स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार, पीलीभीत एसपी और न्यूरिया थाना प्रभारी को नोटिस भी जारी किया है.
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इसके अलावा उनके वकील कुलदीप जौहरी ने इस केस से जुड़े घटनाक्रम का सिलसिलेवार खुलासा करते हुए बताया कि बच्चे को यह साबित करने के लिए कोर्ट क्यों जाना पड़ा कि वह मरा नहीं है. उन्होंने बताया कि बच्चा फरवरी 2013 से अपने नाना, जो किसान हैं, के साथ रह रहा था. उसकी मां को उसके पिता ने बेरहमी से पीटा था, जिससे उसकी मौत हो गई. आरोप है कि वह परिवार से अधिक दहेज चाहता था।
वकील ने आगे कहा कि पिता की पिटाई से बच्चे की मां बुरी तरह घायल हो गई. बच्चे के माता-पिता की शादी फरवरी 2010 में हुई थी। ठीक तीन साल बाद, मार्च 2013 में, वह अपने पति की पिटाई से घायल हो गई और बच्चे की माँ की मृत्यु हो गई। मौत के बाद नाना ने अपने दामाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (दहेज हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद दामाद ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग की. फिर दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई. इस मारपीट के चलते दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
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