Rajasthan Court News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कि एक पत्नी की शादीशुदा जिंदगी से संबंधित यौन और भावनात्मक जरूरतों की रक्षा होनी चाहिए, आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक व्यक्ति को 15 दिन की पैरोल दी है ताकि वह एक बच्चे का पिता बन सके।
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को 15 दिन की पैरोल दी ताकि वह पिता बन सके
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को 15 दिन की पैरोल दी ताकि वह पिता बन सके
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09 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)
न्यायमूर्ति फरजंद अली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और सामाजिक मानवीय पक्षों तथा एक दंपती को संतान होने के अधिकार का हवाला देते हुए नंद लाल नामक व्यक्ति को पैरोल की अनुमति दी।
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अदालत ने कहा कि बच्चा जनने के लिए बंदी की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर, राजस्थान पैरोल नियमावली 2021 के तहत बंदी को पैरोल पर छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन “पत्नी की शादीशुदा जिंदगी से संबंधित यौन और भावनात्मक जरूरतों की रक्षा” के लिए बंदी को उसके साथ रहने की इजाजत दी जा सकती है।
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