डकैतों के ख़ूँख़ार गैंग ने यूपी एसटीएफ जवानों को मौत के घाट उतारा था। ये वारदात 22 जुलाई 2007 को फतेहगंज थानाक्षेत्र की है जहां जंगल में दस्यु सरग़ना डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग ने मुठभेड़ हुई थी मुठभेड़ के बाद लौट रहे एसटीएफ जवानों की गाड़ियों को चारों तरफ़ से घेर लिया गया था और अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं थीं। इस हमले में 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गयी थी और 8 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
UP News : यूपी एसटीएफ के 7 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले ठोकिया गैंग के 13 डकैतों को उम्रक़ैद की सज़ा
UP News : बांदा की विशेष डकैती कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फ़ैसला दिया जिसमें 15 साल पुराने सामूहिक हत्याकांड में 13 मुल्जिमों को दोषी ठहराते हुए उम्रक़ैद की सजा सुनाई है।
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01 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:21 PM)
ये तबकि घटना है जब चित्रकूट में डकैतों का ज़बरदस्त आतंक था। तेज तर्रार आईपीएस अफसर अमिताभ यश अपनी एसटीएफ टीम के साथ ठोकिया गैंग की तलाश में चित्रकूट के जंगलों में डेरा डाले हुए थे और एसटीएफ़ ने डकैतों का सफाया करने के लिए मिशन चला रखा था। इसी दौरान मैयादीन डकैत का एंकाउंटर कर टीम वापस लौट रही थी तभी घात लगाए ठोकिया गैंग ने रात क़रीब 10 बजे जंगल में घेरकर एसटीएफ टीम पर हमला कर दिया और एसटीएफ जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी गयी।
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डाकुओं के इस हमले में पुलिस की गाड़ी में बैठे 7 एसटीएफ के जवानों की मौके पर ही मौत हो गयी थी। जबकि 8 जवान गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गये थे। जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ़ ने 7 महीने तक पुलिस ने जंगलों में कोम्बिंग चलाकर 16 आरोपीयो को पकड़ा था। हत्यारोपी डकैतों में 2 नाबालिग और बाक़ी 14 शामिल थे।
डकैत ठोकिया को पुलिस ने एंकाउंटर में मार गिराया था ठोकिया पर 6 लाख का इनाम था। जिसके बाद बचे 13 मुल्जिमों को गुरुवार को 15 साल बाद विशेष न्यायालय बांदा में आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है। हैरानी की बात ये है कि इस घटना और गिरफ़्तारी के बाद 13 आरोपियों को न्यायालय ने कभी जमानत नहीं दी।
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