ओमकार /विद्या के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस में 2 शूटर्स को उम्रकैद, 3 आरोपी बरी
Narendra Dabholkar Case Verdict: महाराष्ट्र में पुणे की एक विशेष अदालत ने अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में अपना फैसला सुना दिया है।
ADVERTISEMENT
10 May 2024 (अपडेटेड: May 10 2024 1:45 PM)
Narendra Dabholkar Case: अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने इस मामले में कुछ आरोपियों को बरी कर दिया है और कुछ आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। शूटर्स को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
ADVERTISEMENT
11 साल बाद आया फैसला
महाराष्ट्र के पुणे की एक विशेष अदालत ने 11 साल बाद साजिश के मास्टरमाइंड डॉ. वीरेंद्र तावड़े सहित दो अन्य आरोपी वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। दूसरी तरफ दाभोलकर को गोली मारने वाले शरद कालस्कर और सचिन एंडुरे को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इन पर 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
पुणे के ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर पर निकले दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस की जांच सीबीआई ने की थी। पहले मामले की जांच पुणे पुलिस के पास थी।
क्या था पूरा मामला?
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक दाभोलकर को 20 अगस्त, 2013 को पुणे में सुबह की सैर के दौरान दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी थी। दाभोलकर कई वर्षों से समिति चला रहे थे, उन्होंने अंधविश्वास उन्मूलन से संबंधित विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित की थी और कई कार्यशालाओं का भी आयोजन किया था। बाद में दाभोलकर की बेटी और बेटे द्वारा दायर याचिकाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया था। 2014 में सीबीआई ने मामले में जांच शुरू की थी और इसके बाद एक के बाद एक आरोपी अरेस्ट हुए। अब जाकर अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है।
ADVERTISEMENT