Court News: देश के इतिहास में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा सुनाई गई है. दरअसल, ट्रांसजेंडर शख्स को अदालत ने 3 महीने की बच्ची से रेप और हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है. 24 साल की एक ट्रांसजेंडर को नवजात बच्चे के साथ रेप करने और फिर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी पाई गई. अब मामले में मुंबई की स्पेशल अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है.
देश में पहली बार ट्रांसजेंडर को मिली सज़ा-ए-मौत, खौफनाक वारदात की वजह जानकर कांप जाएगी रूह
Court News: देश के इतिहास में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा सुनाई गई है
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Crime Tak
28 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 28 2024 7:40 PM)
पहली बार ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा
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यह फैसला मुंबई की सेशन कोर्ट के जज अदिति कदम ने सुनाया है. जज अदिति कदम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उम्रकैद नियम है और मौत की सजा अपवाद है. रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस में यह सजा मिलती है. यह अपराध ऐसा ही है. इस मामले में जिस तरह से अमानवीयता और बर्बरता दिखाई गई, उससे यह दुर्लभ केस बन जाता है. दोषी का नाम कन्नू चौगले है. कन्नू ने 2021 में मुंहमांगा नेग ना मिलने पर तीन महीने के बच्चे को किडनैप कर लिया था. बाद में बच्चे का शव नाले में पड़ा मिला.
कन्नू को रेप, मर्डर, किडनैपिंग, सबूत मिटाने से जुड़ी धाराओं और POCSO एक्ट के तहत आरोपों में दोषी पाया गया है. मामले में एक अन्य आरोपी सोनू को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया गया था.
जज ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इस अपराध को पूर्व नियोजित बताया और कहा कि इससे गरीब इलाकों में रहने वाली लड़कियों के माता-पिता की रूह कांप जाएगी. विशेष POCSO न्यायाधीश अदिति उदय कदम ने कहा कि अपराध करने के पीछे का मकसद आसपास के इलाके में आतंक पैदा करना और अपना नाम मशहूर करना था ताकि कोई भी उसे मना करने की हिम्मत न कर सके. उन्होंने आगे कहा कि नवजात बच्ची के शरीर पर गंभीर चोटें पाई गईं जो अपराधी की क्रूरता को दर्शाती हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि मामले में नरमी दिखाने का कोई आधार नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2021 में दक्षिण मुंबई के कफ परेड इलाके में एक बच्चे का शव नाले में पड़ा मिला था. घटना के संबंध में पीड़िता के पिता ने बताया कि आठ जुलाई की शाम कन्नू उनके घर बधाई देने आया था. इस दौरान उसने ग्यारह सौ रुपये, एक साड़ी और नारियल की मांग की थी. लॉकडाउन के बाद से चित्तोले के पास कोई काम नहीं था इसलिए वह यह सब देने में असमर्थ थे. जिसके बाद उसने कन्नू को साड़ी और नारियल देने को कहा था. लेकिन कन्नू पैसे लेने के पीछे पड़ा था. लेकिन कुछ ही देर में उनकी बातचीत बहस में बदल गई. जिसके बाद सचिन ने कन्नू को अपने घर से बाहर निकाल दिया.
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