Mumbai Crime News : एक शख्स ने अपनी बीवी का कत्ल कर दिया. वजह सिर्फ ये थी कि पत्नी ने रात में मीट करी (Meat Curry Murder) बनाई लेकिन वो जल गई थी. इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ. मारपीट हुई और पत्नी की जान चली गई. निचली अदालत ने इस केस में आरोपी पति को मर्डर का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा को 10 साल में बदल दिया है. इसके पीछे कोर्ट ने वजह भी बताई है.
Murder : जली मीट करी पर भड़के पति ने किया था बीवी का कत्ल, अब कोर्ट ने कहा, ये मर्डर नहीं
Mumbai news : 2015 में मुंबई में हुए एक मर्डर केस में उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का केस मानकर 10 साल की सजा में तब्दील कर दिया है. जली मीट करी पर नाराज पति ने किया था मर्डर Murder
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08 Dec 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:31 PM)
कोर्ट ने कहा है कि ये साजिश या प्लानिंग के तहत किया गया मर्डर नहीं है. महिला के पति का उद्देश्य सिर्फ मामूली चोट पहुंचाना था. उसका इरादा कत्ल करने का नही था. ये अचानक आवेश में आकर किया गया हमला था. जिस वजह से केस में मर्डर मानकर अधिकतम सजा नहीं दे सकते.
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नशे में घर आया था पति, जली मीट करी तो मार डाला
Murder News : ये घटना 4 सितंबर 2015 की है. मुंबई के एक इलाके में पति और पत्नी में रोजाना की तरह लड़ाई शुरू हुई थी. आरोपी पति शराब के नशे में घर पहुंचा था. उसने पत्नी छाया से कहा मीट करी खिलाने को कहा. बीवी ने जब मीट करी परोसी तो वो जली हुई थी. इसी बात से नाराज होकर महिला के पति ने उसकी पिटाई शुरू की. महिला की चीख सुनकर पड़ोस में रहने वाले लोग वहां पहुंचे. पड़ोसियों को देखकर महिला के पति का गुस्सा और बढ़ गया फिर उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी.
इस धमकी से डरकर वो लोग लौट गए. अगले दिन जब पड़ोस में आए तो देखा महिला बेहोश पड़ी हुई है. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस केस में पड़ोसी ने ही पुलिस में शिकायत दी थी. पहले निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने इसे गैर इरादतन हत्या का केस मानकर उम्रकैद को 10 साल की सजा में तब्दील कर दिया है.
इस केस के ट्रायल के दौरान बेटी और 4 गवाह अपने बयान से पलट गए. ऐसे में अब हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी लकड़ी की स्टिक यानी डंडे से आरोपी ने पत्नी की पिटाई की थी. उससे 6 जगह चोट के निशान मिले थे. ऐसे में वो हत्या के इरादे से ये पिटाई नहीं की थी. बल्कि ये गैर इरादतन हत्या (culpable homicide) का केस है. इसलिए उम्रकैद के बजाय 10 साल की सजा दी.
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