Meghalaya High Court: मेघालय हाई कोर्ट ने कहा है कि 16 साल का लड़का या लड़की सेक्स के मामले में फैसला लेने में सक्षम है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने युवक के खिलाफ दर्ज पॉक्सो केस को रद्द कर दिया है. POCSO एक्ट का जिक्र करते हुए मेघालय हाई कोर्ट ने कहा, 'यह एक्ट स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इसका उन मामलों को कवर करने का इरादा नहीं है जहां रोमांटिक रिश्तों में शामिल लड़के या लड़कियों का संबंध है.' कोर्ट ने कहा कि इस उम्र के लोगों को इस बात की अच्छी समझ होती है कि वे क्या करने जा रहे हैं?
'16 साल की लड़की सेक्सुअल रिलेशन का खुद ले सकती है फैसला', हाई कोर्ट ने युवक के खिलाफ पॉक्सो केस किया रद्द
Meghalaya High Court: मेघालय हाई कोर्ट ने कहा है कि 16 साल का लड़का या लड़की सेक्स के मामले में फैसला लेने में सक्षम है.
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Crime News
25 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 25 2023 9:15 PM)
मेघालय हाई कोर्ट ने POCSO मामले में किशोर के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया. लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाली लड़की ने उस पर मारपीट का आरोप लगाया था. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कम से कम 16 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों में आम तौर पर इतनी समझ होती है कि वे यह तय कर सकें कि आपसी सहमति से सेक्स के लिए क्या सही है और क्या गलत है.
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हाई कोर्ट ने कहा कि बदलती सामाजिक जरूरतों के साथ तालमेल बिठाने और कानून में जरूरी बदलाव लाने की भी जरूरत है. क्योंकि 16 वर्ष की आयु में एक किशोर के शारीरिक और मानसिक विकास को देखते हुए यह मान लेना उचित होगा कि ऐसा व्यक्ति अपनी भलाई के संबंध में निर्णय लेने में सक्षम है। लड़के की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है. बल्कि यह पूरी तरह से सहमति से किया गया कार्य है.
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