kiren rijiju: केंद्रीय मंत्रीमंडल में एक बड़ा फेरबदल देखा गया है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय से हटाकर उन्हें भू विज्ञान मंत्रालय दे दिया गया है। उनकी जगह पर अर्जुन राम मेघवाल को कानून और न्याय मंत्रालय के अलावा राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है, जो उनके पोर्टफोलियो में पहले से शामिल है।
मोदी कैबिनेट में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। किरेन रिजिजू को कानून मंत्री पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह पर अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। किरेन रिजिजू, जो पूर्व में केंद्रीय कानून मंत्री थे, वर्तमान में चर्चा का विषय रहे हैं और पिछले दिनों में उन्होंने न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल, ऐसा क्या बोला कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कि जो उन्हें गद्दी से हटाया
kiren rijiju: केंद्रीय मंत्रीमंडल में एक बड़ा फेरबदल देखा गया है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय से हटाकर उन्हें भू विज्ञान मंत्रालय दे दिया गया है।
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kiren rijiju
18 May 2023 (अपडेटेड: May 18 2023 7:30 PM)
किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ''माननीय पीएम मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना सौभाग्य रहा. मैं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सभी लॉ अधिकारियों को हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए तत्पर हूं. एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में मैंने जिस उत्साह और जोश के साथ काम किया था, वैसे ही भू विज्ञान मंत्रालय में जिम्मा संभालूंगा."
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किरेन रिजिजू कब बने थे कानून मंत्री
किरेन रिजिजू वर्तमान में बीजेपी से अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद हैं. 2021 में जब कैबिनेट का दायरा बढाया गया तब उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था. उन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई. रिजिजू के पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ (कानून) की डिग्री है.
अर्जुन राम मेघवाल के बारे में जाने
अर्जुन राम मेघवाल 2009 से बीकानेर के सांसद है. उन्होनें अपनी एमबीए की डिग्री फिलीपींस यूनिवर्सिटी से कमप्लीट की है. ये राजस्थान कैडर के आईएएस के पद पर भी रहे है. राजस्थान में उनको अनुसूचित जाति के चहरे के तौर पर देखा जाता है. अर्जुन राम मेघवाल को 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में भी चुना गया था.
क्यों अर्जुन राम मेघवाल कानून मंत्री
अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्री बनाए जाने के पीछे कई सियासी कारण माने जा रहे हैं। वे राजस्थान से हैं और राज्य में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं। उनकी जाति एससी है। राजस्थान में कुल पोपुलेशन का लगभग 18-19 प्रतिशत हिस्सा एससी जाति का है। विधानसभा के 52 सीटों पर एससी जाति का प्रभाव बहुत माना जाता है। राजस्थान में मेघवाल जाति सबसे ज्यादा एससी जाति में होते हैं। इसलिए, इसे अशोक गहलोत के ओबीसी वोटों को खो देने के लिए अहम दांव माना जा रहा है। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव में एससी जातियों द्वारा कई सीटों की जीत और हार देखने को मिलती है।
कॉलेजियम सिस्टम पर टिप्पड़ी को लेकर चर्चा में थे रिजिजू
किरेन रिजिजू कुछ समय से पहले से ही न्यायपालिका को लेकर चर्चा में चल रहे थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे। पिछले नवंबर में रिजिजू ने कहा था कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम संविधान के अपोसिट है। उन्होंने इस सिस्टम में कई खामियों की बात कही थी और लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे थे। बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि रिटायर्ड जज और एक्टिविस्ट भारत विरोधी समूह का हिस्सा हैं, जिसके कारण दो जजों की बेंच ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई थी।
विपक्ष भी ले रहा है चुटकी
कानून मंत्री के हटने के बाद विपक्ष ने भी अब चुटकी लेना चालू कर दिया है. कपिल सिब्बल, अल्का लांबा जैसे तमाम बड़े नेता ट्वीट कर चुटकी ले रहे है.
ये खबर Crime Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे गिरीश कुमार अंशुल ने लिखी है.
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