Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने फैसला किया है कि एक नाबालिग लड़की को सात महीने के गर्भ को गिराने की अनुमति दी जानी चाहिए. इस नाबालिग लड़की को उसके भाई ने गर्भवती (pregnant) कर दिया था. लड़की के पिता ने गर्भपात (abortion) कराने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि अगर अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी गई तो लड़की को सामाजिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
भाई ने अपनी ही 15 साल की बहन को रेप कर किया प्रेगनेंट, कोर्ट ने नाबालिग को दी अबॉर्शन की परमिशन
Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने फैसला किया है कि एक नाबालिग लड़की को सात महीने के गर्भ को गिराने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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Crime News
23 May 2023 (अपडेटेड: May 23 2023 12:35 PM)
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जियाद रहमान की एकल पीठ ने यह फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए दिया है कि लड़की का परीक्षण एक मेडिकल बोर्ड द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर आधारित हो. इस रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया गया था कि 32 सप्ताह से अधिक गर्भावस्था जारी रखने से 15 साल की लड़की के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. वह शारीरिक और मानसिक रूप से अबॉर्शन के लिए तैयार है. इसलिए उसे अबॉर्शन कराने में कोई परेशानी नहीं होगी.
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भाई ने किया था गर्भवती
कोर्ट ने इस बात पर विचार किया है कि यदि बच्चा अपने ही भाई या बहन से पैदा होगा, तो सामाजिक और चिकित्सीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस स्थिति में, याचिकाकर्ता ने गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति की मांग की है, जो आवश्यक है.
HC से मिली 7 महीने के गर्भ को हटाने की इजाजत
न्यायालय ने आगे कहा कि "मेडिकल रिपोर्ट के देखने पर, यह स्पष्ट है कि बच्चा मेडिकल अबॉर्शन के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है. गर्भावस्था को जारी रखने से बच्चे के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है."
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