Canara Bank fraud case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को करोड़ों रुपये के केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले के न्यायिक रिकॉर्ड (judicial record) से छेड़छाड़ के आरोपों के संबंध में सीबीआई से नोटिस जारी किया और जवाब मांगा.
दिल्ली हाई कोर्ट ने जुडिशल रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के आरोप में CBI को नोटिस जारी किया
Canara Bank fraud case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को करोड़ों रुपये के केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले के न्यायिक रिकॉर्ड (judicial record) से छेड़छाड़ के आरोपों के संबंध में सीबीआई से नोटिस जारी किया और जवाब मांगा.
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Crime News
25 May 2023 (अपडेटेड: May 25 2023 2:52 PM)
करोड़ों रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में अभियुक्तों में से एक श्री राजीव कुमार गोयल ने एडवोकेट दीपांशु चोइथानी, मयंक पचौरी और अंशुल ठाकुर (Advocates Dipanshu Choithani, Mayank Pachauri and Anshul Thakur) के माध्यम से अपील दायर की थी.
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इस अपील में आरोप लगाया गया था कि सीबीआई ने सभी दस्तावेजों के साथ आरोप पत्र दायर किया था. जिसे एल.डी. निचली अदालत ने आरोपितों को समन जारी किया है. बाद में एल.डी. ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई को न्यायिक रिकॉर्ड को पृष्ठांकित करने का निर्देश दिया, जिस पर सीबीआई ने न्यायिक रिकॉर्ड को भी स्कैन करने की अनुमति मांगी थी, जिसे अनुमति दी गई थी. इसलिए, अभियुक्तों को सीबीआई द्वारा दो बार चार्जशीट और दस्तावेज की आपूर्ति की जाती है, एक बार स्कैन करने से पहले और दूसरा न्यायिक रिकॉर्ड को स्कैन करने के बाद, और दस्तावेजों की तुलना करने के बाद शुरू में दिए गए दस्तावेजों और स्कैनिंग के बाद आपूर्ति किए गए दस्तावेजों के बीच पन्नों की संख्या में भारी अंतर होता है.
अपीलकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट दीपांशु चोइथानी ने आगे तर्क दिया कि सीएफएसएल स्टैंप और मार्किंग भी बाद में दिखाई दिए. इसके अलावा, कई पन्नों को हटा दिया गया, जिसमें कहा गया था कि या तो दस्तावेज न्यायिक रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं थे या अनजाने में हुई गलती के कारण सीबीआई द्वारा स्कैन नहीं किया गया था.
अपीलकर्ता की ओर से यह भी प्रस्तुत किया गया था कि सीबीआई ने स्वीकार किया है कि जिस बॉक्स में न्यायिक हिरासत में दस्तावेज रखे गए थे, उसकी चाबियां सीबीआई के पास थीं और अब सीबीआई के एक अधिकारी को CBI की तरफ से फंसाया जा रहा है जिसकी दुर्भाग्य से मृत्यु हो चुकी है.
फिर, आरोपों के संबंध में सीबीआई की ओर से पेश होने वाले अधिवक्ता द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा प्रश्न उठाए जाने पर, सीबीआई की ओर से कहा गया कि शुरू में विषय दस्तावेजों को रिकॉर्ड करने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया गया था, लेकिन अब एक आवेदन दायर किया गया है. सीबीआई द्वारा ट्रायल कोर्ट के समक्ष विषयगत दस्तावेज दाखिल करने के लिए और वर्तमान अपील का जवाब दाखिल करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी गई थी.
इस पर माननीय न्यायमूर्ति विकास महाजन ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और सीबीआई को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी. अब मामले की दोबारा सुनवाई 14.09.20203 को होगी.
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