11 साल की नाबालिग से रेप, पीड़िता ने कोर्ट में कहा "खुशहाल शादीशुदा जिंदगी जी रही हूं, केस आगे नहीं बढ़ाना", दोषी की सजा कम की

Delhi Court News: उच्चतम न्यायालय ने लड़की के इस बयान पर संज्ञान लिया है कि वह खुशहाल विवाहित जीवन जी रही है और मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती।

अदालत का फैसला

अदालत का फैसला

14 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 14 2023 5:30 PM)

follow google news

Delhi Court News: उच्चतम न्यायालय ने 11 साल की लड़की से दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति की सजा को कम करके उसके द्वारा जेल में बिताई जा चुकी अवधि के बराबर कर दिया है और लड़की के इस बयान पर संज्ञान लिया है कि वह खुशहाल विवाहित जीवन जी रही है और मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत उसकी दोषसिद्धि को कायम रखा।

खुशहाल शादीशुदा जिंदगी जी रही हूं, केस आगे नहीं बढ़ाना

मध्य प्रदेश के खंडवा की निचली अदालत ने इस मामले में अपीलकर्ता को बरी कर दिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने अपील दायर की थी और उच्च न्यायालय ने बरी किये जाने के फैसले को पलट दिया और व्यक्ति को दोषी करार देते हुए उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यूनतम सजा सात साल के कारावास की सुनाई जा सकती थी, लेकिन यह अदालत के विवेकाधिकार के अधीन है कि वह सात साल से कम अवधि की सजा सुना सकती है।

11 साल की नाबालिग से रेप केस

पीठ ने कहा कि महिला भी वकील के माध्यम से अदालत में पेश हुई है। उसने कहा, ‘‘उसने (महिला ने) कहा है कि वह खुशहाल विवाहित जीवन जी रही है और उसे मामले को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं है। अपीलकर्ता पहले ही पांच साल से अधिक समय जेल में काट चुका है।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद ‘‘हम भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषसिद्धि पर कायम हैं। हालांकि, हमें लगता है कि पहले ही जेल में काटी जा चुकी सजा न्याय के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक होगी।’’

(PTI)

    follow google newsfollow whatsapp