अदालत ने पति से अलग रही महिला को 23 सप्ताह का गर्भ समाप्त कराने की अनुमति दी

DELHI COURT NEWS: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने पति से अलग रह रही और तलाक की अर्जी दायर करने की इच्छुक एक महिला को 23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त कराने की अनुमति दे दी।

Photo

Photo

20 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 20 2023 1:10 AM)

follow google news

DELHI COURT NEWS: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने पति से अलग रह रही और तलाक की अर्जी दायर करने की इच्छुक एक महिला को 23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त कराने की अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल बोर्ड ने राय दी है कि भ्रूण सामान्य है और गर्भ समाप्त करना सुरक्षित है।

उच्च न्यायालय 31-वर्षीया महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि वह अपने पति से अलग हो गई है और इसलिए अपना गर्भ बरकरार रखना नहीं चाहती है।

याचिकाकर्ता ने वकील अमित मिश्रा के माध्यम से ‘गर्भ का चिकित्सीय समापन’ (एमटीपी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत, आज की तारीख में 23 सप्ताह और चार दिन का गर्भ समाप्त करने की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

अदालत ने पहले एम्स से कहा था कि वह इस बात पर विचार करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे कि क्या महिला के लिए अपने गर्भ को समाप्त करना सुरक्षित होगा। अदालत ने भ्रूण की स्थिति की पड़ताल करने को भी कहा था।

उच्च न्यायालय ने याचिका में महिला के पति को भी पक्षकार बनाया था। महिला और उसका पति बृहस्पतिवार को अदालत में मौजूद थे।

महिला ने कहा कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है और उसके लिए अपने गर्भ को नष्ट करने का निर्णय लेना कठिन था। हालांकि पति ने कहा कि वह पत्नी के साथ रहना चाहता था और इसके लिए उसने सुलह की कोशिश भी की थी, लेकिन यह विफल रही।

अदालत को यह भी अवगत कराया गया कि महिला ने अब अपने पति के खिलाफ दिल्ली पुलिस की महिला अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई है।

उच्च न्यायालय ने एमटीपी अधिनियम की धारा तीन का अवलोकन किया, जो पंजीकृत चिकित्सकों द्वारा गर्भ को समाप्त करने का प्रावधान करती है।

इन प्रावधानों के तहत एक महिला को कुछ शर्तों के साथ 24 सप्ताह तक की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी जाती है।

(PTI)

    follow google newsfollow whatsapp