क्या है डिजिटल रेप : What is Digital Rape? डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है। अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है।
What is Digital Rape: डिजिटल रेप क्या होता है? डिजिटल रेप में कितनी है सज़ा, जानें
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30 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:35 PM)
डिजिटल रेप कैसे होता है - how does digital rape happen
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यौन उत्पीड़न जो डिजिट यानि उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली से किया गया हो, तब उसे 'डिजिटल रेप' कहा जाता है। दरअसल, डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में किसी युवती के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स, अंगूठे या हाथ का इस्तेमाल किया जाता है।
रेप से कितना अलग है डिजिटल रेप? How is digital rape different from rape?
रेप और डिजिटल रेप में जो सबसे बेसिक फर्क है रिप्रोडक्टिव आर्गन के इस्तेमाल का. वैसे कानून की नजर में रेप तो रेप है उसमें कोई फर्क नहीं है. 2012 से पहले डिजिटल रेप छेड़छाड़ के दायरे में था. लेकिन निर्भया केस के बाद इसे रेप की कैटेगरी में जोड़ा गया।
डिजिटल रेप की सजा क्या है - What is the punishment for Digital Rape?
डिजिटल रेप केस में धारा 354 और 376 के साथ यदि पीड़िता नाबालिग है तो पॉक्सो एक्ट भी लगाया जाता है। भारत के कानून के अनुसार, डिजिटल रेप के मामले में आरोपी को कम से कम पांच साल तक जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, दि वो संगीन हैं तो यह सजा 10 साल तक की हो सकती है। अगर डिजिटल रेप के साथ अन्य धारएं भी लगीं हैं तो ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
निर्भया कांड के बाद मिला कानूनी दर्जा Legal status after Nirbhaya case
दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड के बाद यौन हिंसा से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई। साल 2013 में इस शब्द को मान्यता मिली। जिसके बाद डिजिटल रेप को Pocso एक्ट के अंदर शामिल किया गया। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिए। इनमें से कई को अपनाकर दशकों पुराने कानून को बदल दिया गया।
2013 में, जबरन लिंग-योनि प्रवेश को शामिल करने के लिए बलात्कार की परिभाषा का विस्तार किया गया था। नई परिभाषा के अनुसार किसी भी महिला की मर्जी के खिलाफ या सहमति के बगैर उसके शरीर में अपने शरीर का कोई अंग डालना रेप है। उसके निजी अंगों को पेनेट्रेशन के मकसद से नुकसान पहुंचाना रेप है। इसके अलावा ओरल सेक्स भी बलात्कार की श्रेणी में आता है।
डिजिटल रेप केस (Recent Digital Rape case)
हाल ही में नोएडा पुलिस ने 81 साल के एक चित्रकार को 17 साल की लड़की के साथ 'डिजिटल रेप' के आरोप में गिरफ्तार किया था। चित्रकार मौरिस राइडर मूल रूप से प्रयागराज का रहने वाला है और कई सालों से नोएडा में रह रहा था। मौरिस पर पीड़िता के साथ डिजिटल रेप का आरोप लगा था। पिछले साल सिंतबर में नोएडा कोर्ट ने डिजिटल रेप के आरोपी अकबर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही अदालत ने आरोपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
कैसे करें डिजिटल रेप की शिकायत ( How to report digital rape)
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि डिजिटल रेप की वारदातें बच्चों को साथ होती हैं। ऐसा में बच्चों के हाव भाव पर नजर रखने की जरुरत है। यदि बच्चा किसी भी बैड टच की शिकायत करता है तो उसको पास के थाने या महिला थाने में तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। यूपी में 1090 टोलफ्री नंबर पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। दिल्ली में 1090 टोलफ्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
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