Uttar Pradesh Big News: यूपी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की 115वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक में बड़ा फैसले लिए गए। आईएएस व प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं महानिदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद नरेन्द्र भूषण ने बैठक में अहम फैसले लिए। इस बैठक में कुल 109 शोध प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई। ये फैसला परिषद का किसी भी वर्ष में स्वीकृत शोध प्रस्तावों से अधिक है। इन शोध प्रस्तावों पर कुल रू.1409.95 लाख का व्यय भार आयेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने लिए ये 16 बड़े फैसले, आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन डेवलेप होगी
Uttar Pradesh Big News: गले के कैंसर की डायगोनिसिस के लिए आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन डेवलेप की जायेगी।
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लिए गए ये 16 बड़े फैसले
06 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 6 2023 7:00 PM)
आईओटी ऑपरेटेड, हेलमेट कन्ट्रोल्ड इलेक्ट्रानिक व्हील चेयर विकसित किए जाएंगे
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दिव्यांगजनों हेतु आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श पर आधारित, आईओटी ऑपरेटेड, हेलमेट कन्ट्रोल्ड इलेक्ट्रानिक व्हील चेयर विकसित किए जाएंगे। यह काम डॉक्टर अम्बेडकर इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी फार हैण्डीकैप्ड, कानपुर करेगा। किसी एक लोकेलटी में एक उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से ज्यादा सौर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, तो उसका उपयोग किसी अन्य उपभोक्ता द्वारा किया जा सके। इसके लिए ब्लॉक चेन, माइक्रो कन्ट्रोलर एवं इण्टरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित सिस्टम विकसित किये जाने हेतु जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल नोएडा को शोध परियोजना स्वीकृत की गयी है। डेस्क वर्कर्स के लिये आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श, मशीन लर्निंग एवं आईओटीपर आधारित रियल टाइम पोश्चर करेक्शन सिस्टम फार डेस्क वर्कर्स को विकसित किये जाने हेतु मोतीलाल नेहरू नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रयागराज को शोध परियोजना स्वीकृत की गयी।
ड्रोन की सहायता से ऊर्जा से सम्बन्धित इन्डसट्रीज के एसेट इन्सपेक्शन
रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा प्लास की खेती को बुन्देलखण्ड के जनजातीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने एवं इसकी उन्नत किस्में उपलब्ध कराने का कार्य किया जायेगा। प्लास का उपयोग कलर बनाने में, दोना-पत्ता बनाने में, दवाई बनाने में, प्लाई बोर्ड आदि में होता है। अतः परियोजना के माध्यम से रोजगार उत्पन्न करने एवं किसानों की आय बढ़ाने में सहायता होगी। रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श के उपयोग एवं ड्रोन की सहायता से ऊर्जा से सम्बन्धित इन्डसट्रीज के एसेट इन्सपेक्शन के कार्य किये जाने हेतु संसाधन विकसित किये जायेगें।
मल्टीपैरामीटरिक एमआरआई मॉड्ल्स विकसित किया जायेगा
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ द्वारा मशीन लर्निंग पर आधारित मल्टीपैरामीटरिक एमआरआई मॉड्ल्स विकसित किया जायेगा, जिससे रीनल ट्यूर्मस के आइडेन्टीफिकेशन, क्लासीफिकेशन एवं डायगोनोसिस में सहायता मिलेगी। पान व तम्बाकू के दुष्प्रभावों के कारण होने वाले गले के कैंसर की डायगोनिसिस देर से हो पाती है। आईआईटी कानपुर द्वारा एडवांस एंडोस्कोपिक इमेजिंग के माध्यम से पान-तम्बाकू के सेवन के दुष्प्रभावों एवं गले के कैंसर का शीघ्र पता किये जाने हेतु आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन डेवलेप की जायेगी, जिससे इस घातक बिमारी का ससमय इलाज हो सकेगा एवं कई मरीजो की जान बच सकेगी।
आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन
जनसमस्याओं के समाधान हेतु कम पढ़े-लिखे, कृषक, शिल्पकार इत्यादियों द्वारा छोटे-छोटे उपकरण, तकनीक इत्यादि विकसित किये जाते हैं। परिषद द्वारा इन नवप्रर्वतकों के चिन्हीकरण एवं प्रोत्साहन हेतु प्रदेश के 50 जिलों में जन जागरूकता एवं नव प्रवर्तन प्रदर्शनी का आयोजन कराये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया। इन्जीनियरिंग स्टूडेन्ट प्रोजेक्ट ग्राण्ट स्कीम में जिन विद्यार्थियों द्वारा प्रोजेक्ट से सम्बन्धित कार्य का शोध पत्र प्रकाशित कराया जायेगा उन्हें अधिकतम रू.20,000/- की प्रोत्साहन राशि दिये जाने पर स्वीकृति प्रदान की गयी। परिषद कार्यकारिणी समिति द्वारा एग्रीकल्चर एण्ड एलाइड सेक्टर की 15, केमिकल साइंसेज की 11, इन्वायरमेन्टर साइंस की 9, मेडिकल साइंस की 13, फार्मा की 6, फिजिकल साइंस की 12, इनफारमेशन टेक्लोलॉजी की 10, इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी की 15 एवं जैव प्रौद्योगिकी की 18 शोध परियोजनाओं पर स्वीकृति प्रदान की गयी।
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