Election Commission of India's Model Code of Conduct : उत्तर प्रदेश (UP) समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान की तारीख आज आ ही गई है. इसके साथ ही इन पांचों राज्य में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, उसे ही आचार संहिता कहा जाता है. आचार संहिता लागू होते ही कई बदलाव हो जाते हैं.
Model Code of Conduct : चुनाव आचार संहिता क्या होती है? आचार संहिता क्यों लागू किया जाता है?
चुनाव आचार संहिता क्या होती है, और 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) चुनाव आयोग (Election Commission) के द्वारा आज से लागू किए जायेंगे नियम जानिए,crime news in Hindi on CrimeTak
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25 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:14 PM)
राज्य सरकारें निहत्थी हो जाती हैं और चुनाव आयोग महाबली हो जाता है. राज्य सरकारों पर कई सारी पाबंदियां लग जाती हैं. सारे कामों पर रोक लग जाती है.
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आचार संहिता क्या है?
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है. चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.
2. आचार संहिता कब लगती है?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं. अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं. चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है.
3. आचार संहिता कितने दिन की होती है?
आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के खत्म होने तक लागू रहती है. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है.
राज्य सरकार क्यों हो जाती है निहत्थी?
1. मंत्री-मुख्यमंत्री-विधायक पर लग जाती है पाबंदी
- सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक यहां तक कि मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी से नहीं मिल सकता.
- सरकारी विमान, गाड़ियों का इस्तेमाल किसी पार्टी या कैंडिडेट को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता. मंत्रियों-मुख्यमंत्री सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने ऑफिस तक केवल सरकारी काम के लिए ही कर सकते हैं.
- राज्य सरकार का कोई भी मंत्री या कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता सायरन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकता, चाहे वो गाड़ी निजी ही क्यों न हो.
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