Why is Mewat (Nuh) infamous?: क्यों बदनाम है मेवात (नूहं) ?

Haryana Crime News/DSP Surender Singh Murder: डीएसपी की हत्या के बाद मेवात नूहं Mewat (Nuh) इलाका फिर सुर्खियों में है। इस इलाके से क्राइम क्यों पनप रहा है और पुलिस इसे क्यों नहीं रोक पा रही है ?

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19 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:23 PM)

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DSP Surender Singh: आखिर क्यों बदनाम है मेवात जिला (MEWAT NUH) ? मेवात का नाम जब भी सामने आता है, एक अलग सी तस्वीर दिमाग में छा जाती है। यहां क्राइम का बोलबाला है। पुलिस इन इलाकों में घुसने से डरती है। ज्यादातर आपराधिक वारदातें इसी जिले के लोग करते हैं। आखिर ऐसी कौन सी वजह है कि पुलिस इस जिले से क्राइम को खत्म नहीं कर पा रही है ? दरअसल, इलाके में शिक्षा का अभाव है। इलाके का विकास नहीं हुआ है। लोगों के लिए सुख-सुविधाएं नहीं है। उद्योग नहीं है। इस वजह से वहां के लोग ज्यादा बड़ा काम नहीं कर पाते है। इस लिहाज से ज्यादातर लोग तनावग्रस्त रहते हैं और वो क्राइम करने में भी हिचकते नहीं है।

मेवात से लेकर नूहं तक का इतिहास ?

DSP Surender Singh Murder: हरियाणा राज्य के पुराने गुड़गांव में 5 ब्लॉक नूहं,तावडू, नगीना, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका शामिल हैं। मेवात(नूंह) के नाम से जाना जाने वाला एक नया जिला पूर्वोक्त 5 ब्लॉकों के अस्तित्व में आया। यह क्षेत्र 1507 वर्ग किमी में फैला हुआ है। 443 गांवों और 5 छोटे शहरों में 10.89 लाख लोग रहते हैं यह क्षेत्र हरियाणा के सबसे पिछड़े क्षेत्र में से एक है।

मेवात का नया नाम नूहं है। नूहं में करीब एक दर्जन ऐसे गांव है, जहां की 95 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। इन गांवों में हर घर में 50 से लेकर 100 तक गायें है। पहाड़ों पर सुबह एक साथ गायों का हुजूम-सा नजर आता है।

खनन माफिया और गो तस्कर नूहं जिले में सक्रिय

Haryana Crime News/DSP Surender Singh Murder: खनन माफिया गुरुग्राम और नूंह जिले में खूब सक्रिय हैं। अरावली में लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। साथ में अवैध खनन से जीव-जंतुओं की प्रजातियां को भी नुकसान की आशंका है।

नूहं जिले में मेव मुसलमान बहुसंख्यक हैं। यह एक जनजातीय समूह है, जो सदियों से इसी इलाके में बसा हुआ है और मेवात को अपनी पहचान मानता आया है। नूंह जिले के खेड़लीकलां, झिमरावट, घागस- कंसाली, फिरोजपुर झिरका, शेखपुर के अलावा कई स्थानों पर अवैध खनन और पेड़ों की लगातार कटाई चरम पर है।

इसके अलावा इस इलाके में गो तस्कर हावी है। गो तस्कारों की अक्सर पुलिस से भिड़त होती रहती है।

राजनीति की भेंट चढ़ा हुआ है इलाका

कोई भी सरकार हो , वो नूहं के विकास के बारे में नहीं सोच रही है।

तो क्या मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से नहीं हो रहा है विकास ?

ये सवाल भी अक्सर खड़ा होता है कि मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से यहां विकास नहीं हो पा रहा है, क्योंकि बीजेपी की सरकार पर आरोप है कि वो इलाके के विकास के बारे में ज्यादा नहीं सोचती है।

अब जिस तरह से हरियाणा के नूंह जिले में खनन माफिया ने हरियाणा के पुलिस के DSP के ऊपर ही डम्फर चढ़ा दिया, उससे यहां कि स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है।

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