India Traffic News: देश के बड़े उद्योगपति साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे (Road Accident) में हुई मौत (Death) के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कार में बैठे हुए पिछली सीट (Rear Seat) पर लोग सीट बेल्ट (Belt) का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना जरूरी है या नहीं? इसके नियम (Law) क्या है और अगर ऐसा न करने पर सजा का क्या प्रावधान है? तो आइए हम आपको बताते हैं कि पिछली सीट पर बैठने के क्या नियम है? कितना चालान है और किस तरह से पीछे बैठा हुआ शख्स अपनी जान की हिफाजत कर सकता है।
Delhi News: कार में पीछे बैठने वाले के लिए भी जरूरी होता है सीट बेल्ट लगाना, जानें क्या हैं सीटबेल्ट के नियम
India Traffic News: साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कार में बैठे हुए पिछली सीट पर लोग सीट बेल्ट का इस्तेमाल क्यों नहीं करते read crime news on CrimeTak
ADVERTISEMENT
05 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:26 PM)
दरअसल केंद्रीय मोटर वाहन नियमों की धारा 138 (3) में पीछे के यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। ऐसा ना करने पर एक हज़ार रुपए का चालान होगा। हालांकि जागरूकता की कमी और लापरवाही की वजह से पीछे बैठने वाले करीब 90 प्रतिशत लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं। लोगों में शायद ये गलतफहमी है कि किसी दुर्घटना के मामले में आगे बैठने वाले यात्रियों की तुलना में पीछे वाले यात्री अधिक सुरक्षित हैं।
ADVERTISEMENT
सच तो यह है कि तमाम क्रैश टैस्ट (Crash Test) ने यह साबित कर दिया है कि रियर सीट बेल्ट पहनना उतना ही ज़रूरी है जितना कि आगे की सीट पर बैठे लोगों को पहनना जरूरी है। यानी आगे सीट पर बैठे हुए लोगों को जितना खतरा है उतना ही जान का खतरा पीछे बैठने वालों को भी है। यातायात नियमों के मुताबिक़ बिना सीटबेल्ट ड्राइविंग करना दंडनीय अपराध है।
इसके साथ ही यह सीट बेल्ट दुर्घटना के दौरान आपकी जान की हिफाजत भी करती है। दरअसल, मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) की धारा 138 (3) सीएमवीआर 177 एमवीए सीट बेल्ट न लगाने पर विशिष्ट जुर्माना निर्धारित किया गया है। सच ये भी है की भारत में ज़्यादातर लोग पुलिस चालान के डर से सीट बेल्ट लगते हैं।
ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के अधिकारियों के मुताबिक भारत में 90% से ज्यादा लोग पिछली सीट पर बैठने के बावजूद सीट बेल्ट नहीं लगाते जबकि सीट बेल्ट लगाने से उनकी जान बच सकती है क्योंकि ज्यादातर मामलों में पीछे बैठी सवारियों को ज्यादा नुकसान हुआ है ऐसा देखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन से पता चलता है कि पीछे के सीट बेल्ट का उपयोग से मारे जाने या घायल होने की संभावना को क्रमश: 25 प्रतिशत और 75 प्रतिशत तक कम कर देता है।
हैरानी की बात यह है कि दुर्घटना की स्थिति में पीछे की सीटों पर बिना बेल्ट पहने बैठे यात्रियों को आगे की सीट से टकराने का खतरा रहता है। अगली सीट का हेडरेस्ट सिर की चोट का कारण बन सकता है, अक्सर रीढ़ की हड्डियां टूटने का ख़तरा होता है। दुर्घटना के कई मामलों में मस्तिष्क को ऑक्सीजन की पूरी मात्रा नहीं मिल पाती।
इसी साल फ़रवरी में भारत सरकार ने कार कंपनियों को गाड़ी में बैठने वाले सभी यात्रियों के लिए ‘थ्री-पॉइंट’ सीट बेल्ट मुहैया कराना अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बाक़ायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी। दरअसल थ्री प्वाइंट सीटबेल्ट (Three point seat belt) वैज्ञानिक रूप से टू-प्वाइंट बेल्ट की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित साबित हुआ है क्योंकि यह किसी भी प्रकार की टक्कर के समय छाती, कंधों शरीर की ऊर्जा को समान रूप से फैलाता है जिसके चलते कम चोटें आने की सम्भावना होती है।
बीजेपी नेता गोपी नाथ मुंडे की 2014 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, इसी तरह की चोट के कारण जब वह मारुति सुजुकी SX4 के पीछे की सीट पर बिना सीट बेल्ड पहने यात्रा कर रहे थे। मुंडे की मौत भी ज्यादा इंटरनल ब्लीडिंग और कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई। इस दुर्घटना में ड्राइवर और सामने वाले यात्री को किसी तरह की चोट नहीं आई क्योंकि वे सीट बेल्ट पहने थे।
ADVERTISEMENT