क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ऐसे होता है फ्रॉड, ऐसे फर्जीवाड़े से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान

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08 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)

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आइए जानते हैं :

  • कार्ड क्लोनिंग क्या होती है?

  • डेबिट और क्रेडिट फ्रॉड क्या है?

  • फ्रॉड की शिकायत कहां करे?

  • क्रेडिट-डेबिट फ्रॉड हो तो क्या करें?

  • फ्रॉड होने पर कार्ड ब्लॉक कैसे करे?

What is Credit Card & Debit Card Fraud : क्रेडिट कार्ड हो या डेबिट कार्ड. इन दोनों की डिटेल चुराकर ठगी होना अब आम बात हो गई है. आजकल हम कहीं भी मार्केट में शॉपिंग करने जाते हैं. या फिर ऑनलाइन कहीं पेमेंट करते हैं. या फिर पेट्रोल पंप पर या फिर एटीएम से ही पैसे निकालते हैं. इन सभी जगहों से हमारे कार्ड की डिटेल चोरी होने का खतरा हमेशा बना रहता है.

ऐसे में ये समझ के चलिए कि हमारे क्रेडिट कार्ड या फिर डेबिट कार्ड की डिटेल तो साइबर ठगों के पास है ही. लिहाजा, हमें किसी भी कीमत पर उन्हें OTP और पासवर्ड बस किसी वजह से ना बताएं. अब ठग हमसे किसी ना किसी बहाने यही जानकारी मांग लेते हैं और फिर ठगी का शिकार बना लेते हैं.

ऐसे में जानते हैं कि आखिर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के जरिए कैसे होता है फ्रॉड. ऐसे फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं.

What is Debit Card Fraud : जिस एटीएम कार्ड का हम कैश निकालने के लिए इस्तेमाल करते हैं. वही डेबिट कार्ड होता है. डेबिट कार्ड के पीछे 3 डिजिट का CVV नंबर होता है. इसके अलावा इसका 4 डिजिट का पासवर्ड होता है. जिसे हम खुद बनाते हैं.

अब किसी भी तरह से डेबिट कार्ड का नंबर, सीवीवी और पासवर्ड मिल जाए तो वो डुप्लिकेट कार्ड बनाकर भी फ्रॉड किया जाता है.

दूसरा तरीका ये होता है कि कार्ड की डिटेल कई ऑनलाइन वेबसाइट पर पेमेंट के जरिए उनके सर्वर में स्टोर हो जाता है. अब यहीं से डेटा को मामूली कीमत में बेच दिया जाता है.

इन डेटा में कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर की जानकारी होती है. इनके आधार पर साइबर क्रिमिनल किसी को भी कॉल कर वेरिफिकेशन या दूसरे बहाने बनाकर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP को पूछ लेते हैं और फ्रॉड करते हैं.

कई बार डेबिट कॉर्ड की एटीएम बूथ में क्लोनिंग डिवाइस के जरिए डिटेल चुरा लिया जाता है. फिर उससे ठगी की जाती है. इसके अलावा, पैसे निकालते समय पीछे खड़ा व्यक्ति भी झांसे में लेकर कार्ड बदल लेता है या फिर आपका पासवर्ड जान लेता है.

What is Credit Card Fraud : क्रेडिट कार्ड जब हम बैंक से इश्यू कराते हैं तो उसमें हमेशा इंटरनेशनल शॉपिंग का ऑप्शन खुला रहता है. यानी आप अपने क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन किसी दूसरे देश में भी शॉपिंग कर सकते हैं. लेकिन इसका नुकसान ये होता है कि क्रेडिट कार्ड का डेटा भी किसी ना किसी रूप में आसानी से चोरी हो जाता है और दुनिया में डार्क नेट पर या ऐसे भी बेच दिया जाता है.

ऐसे में क्रेडिट कार्ड से कई बार इंटरनेशनल शॉपिंग कर फ्रॉड होता है. इसलिए बैंक से क्रेडिट कार्ड मिलते ही अगर आपको इंटरनेशनल शॉपिंग नहीं करनी है तो तुरंत कस्टमर केयर से बात करके इंटरनेशनल शॉपिंग को ब्लॉक करा दें.

इस फ्रॉड को अंजाम देने के लिए ठग कार्ड क्लोनिंग डिवाइस यानी स्किमर डिवाइस के जरिए आपके कार्ड की डिटेल चुरा लेते हैं. इसे एटीएम बूथ से लेकर रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप या दूसरे शॉपिंग सेंटर पर भी लगाकर चुरा लिया जाता है. इसलिए कार्ड का इस्तेमाल करते हुए इसका ध्यान रखें. .

What is Card Cloning : स्किमर डिवाइस बिल्कुल छोटी सी एक डिवाइस होती है. जिसमें किसी भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड को स्वाइप कर उसका डेटा स्टोर कर लिया जाता है. इस डिवाइस को किसी एटीएम या फिर किसी शॉपिंग सेंटर या फिर जहां कहीं आप कार्ड से पेमेंट करते हैं वहां पर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही जब आप पासवर्ड डालते हैं तो वहां लगे कैमरे में उसे भी रिकॉर्ड कर लिया जाता है.

How to Block my credit card and Debit Card : आप हमेशा अपने कार्ड की डिटेल और हेल्पलाइन नंबर को घर की एक सेफ डायरी या फिर ईमेल के ड्रॉफ्ट में जरूर सेव कर रखें. ताकी अचानक कभी कार्ड खो जाए तो उसके हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर तुरंत उसे ब्लॉक करा दें.

कार्ड ब्लॉक कराने के लिए सभी बैंकों के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि अगर आप गूगल से कस्टमर केयर का नंबर लेते हैं तो उसमें साइबर ठगों के नंबर भी आते हैं. इसलिए बैंक की पासबुक या फिर कार्ड पर छपे हेल्पलाइन नंबर पर ही कॉल करें.

Credit Card And Debit Card Fraud Safety Tips

  • आप कभी किसी भी वजह से अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड किसी दोस्त या किसी भी दूसरे को ना दें.

  • कभी भी कार्ड के ऊपर पासवर्ड नहीं लिखें. या फिर कई बार हम अपने जन्मदिन से जुड़ा पासवर्ड बना लेते हैं. ऐसा ना करें.

  • बैंक अकाउंट से अपने फोन नंबर को हमेशा अपडेट रखें. ताकी किसी तरह की ट्रांजैक्शन की जानकारी तुरंत मिल जाए.

  • एटीएम मशीन में स्किमर डिवाइस लगी है या नहीं, इससे जानने के लिए कार्ड डालने से पहले होल्डर को हाथ से हिलाकर जरूर चेक करें.

  • किसी वेबसाइट पर जरूर चेक कर लें कि वो अधिकृत वेबसाइट है या नहीं. कई बार मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठग आपसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करा लेते हैं.

  • खासतौर पर ऑनलाइन सस्ते में सामान बेचने के चक्कर में कई वेबसाइट पर झांसा देकर ऐसा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

  • साइबर क्राइम फ्रॉड हो जाए तो आप भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1930 या 155260 नंबर तुरंत कॉल करें.

  • आप चाहें तो ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर क्लिक करके साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं

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