Muzaffarpur, Bihar: फेसबुक (facebook) हो या इंस्टाग्राम (Instagram) या फिर कोई और सोशल मीडिया प्लेटफार्म (Social Media) इन दिनों इन सारी जगहों पर Job देने के नाम पर खुलेआम ऐसा धंधा चल रहा है जिसमें जरूरतमंद लोग आसानी से शिकार बन जाते हैं। लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर से नौकरी देने के नाम पर अय्याशी के अड्डे का एक ऐसा किस्सा सामने आया है जिसके बारे में इससे पहले यकीनन कभी किसी ने नहीं सुना होगा। ये बात सच है बेरोजगारों के लिए नौकरी बहुत मायने रखती है। ऐसे ही बेरोजगारी की इस जरूरत की आड़ में कुछ लोगों ने उसे न सिर्फ अपनी कमाई का जरिया बना लिया बल्कि वहां हैवानों की ऐसी फौज इकट्ठा थी जिसने काम की तलाश में आई लड़कियों और महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बना लिया। और इनकी गिनती एक दो में नहीं बल्कि सैकड़ों में निकली।
Facebook पर Job ऑफर के नाम पर चल रहा था 'अय्याशी' गैंग, कंपनी बनाकर लूट रहे थे लड़कियों की इज्जत, Sex Scandal का सनसनीखेज खुलासा
Sex Scandal : बिहार के मुजफ्फरपुर में एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जो Facebook पर Job ऑफर के नाम पर 'अय्याशी' गैंग चला रहा था। सामने आई जानकारी के मुताबिक यहां लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर उनका यौन शोषण किया जाता था। साथ ही अब तक करीब 200 लड़कियों और महिलाओं के गर्भपात कराने की बात भी सामने आ चुकी है।
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18 Jun 2024 (अपडेटेड: Jul 23 2024 4:42 PM)
बालिका गृह कांड भी बौना पड़ जाए
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इस सनसनीखेज किस्से के उजागर होते ही बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड को भी बौना साबित कर दिया। और इस खुलासे ने सिर्फ बिहार को ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को झकझोरकर रख दिया।
200 लड़कियों का यौन शोषण
ये मामला मुजफ्फरपुरके अहियापुर इलाका का है। आरोप है कि यहां करीब 200 लड़कियों को नौकरी देने का झांसा देकर पहले बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई और फिर उनका यौन शोषण भी किया गया। असल में ये किस्सा तब नजर में आया जब छपरा की एक पीड़ित महिला ने अहियापुर थाने में जाकर अपनी आप बीती सुनाई। उस महिला ने बताया कि फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर की एक पोस्ट को देखने के बाद उसने DVR नाम की संस्था से संपर्क किया। अप्लाई करने पर चयन होने के बाद प्रशिक्षण के नाम बीस हजार रुपये की मांग की गई। उसने बताया कि पैसा जमा करने के बाद बहुत सारी लड़कियों के साथ अहियापुर थाना क्षेत्र में ही बखरी के निकट रखा गया।
जॉब के नाम पर लड़कियों को जोड़ने का खेल
करीब 3 महीना तक गुजर जाने के बाद जब सैलरी नहीं मिली, तो उसने संस्था के CMD तिलक सिंह से संपर्क किया और उनके सामने अपनी बात रखी। उसे बताया गया कि अबी 50 और लड़कियों को संस्था से जोड़ने पर उसकी सैलरी 50 हजार कर दी जाएगी। पीड़ित ने जब 50 और लोगों को जोड़ने में अपनी असमर्थता जाहिर की तो उस पर दबाव बनाया गया और मोबाइल के कांटेक्ट लिस्ट के हिसाब से लोगों को जोड़ने की नसीहत दी गई। यहां तक तो सब ठीक रहा लेकिन असली खेल उसके बाद शुरू हआ। क्योंकि तब तक वो पीड़ित इस संस्था की असलियत से वाकिफ नहीं थी। पैसों के लालच में उसने अपने मोबाइल के कॉन्टेक्ट लिस्ट के हिसाब से लोगों को कंपनी से जोड़ना शुरू किया।
Hostel की छापेमारी से खुला राज
इसी बीच अहियापुर में मौजूद संस्था के दफ्तर और हॉस्टल पर पुलिस की जब छापेमारी हुई तो एक ही झटके में कई राज सामने आ गए। क्योंकि हॉस्टल और दफ्तर से बहुत सी लड़कियों को पुलिस ने छुड़ाया जिन्हें बंधक बनाकर वहां जबरन रहने को मजबूर किया गया था। इतना ही नहीं, उसी समय ये भी खुलासा हुआ कि हॉस्टल में रहने वाली कई लड़कियों का जबरन गर्भपात भी करवाया गया था। जिन लड़कियों का गर्भपात हुआ था उन्होंने जब पुलिस के सामने गवाही दी तो पुलिस के भी होश गुम हो गए। क्योंकि लड़कियों और महिलाओं का कहना था कि वहां उन लड़कियों के साथ जबरन सेक्स किया जाता था और धमकी दी जाती थी कि अगर ये बात कहीं किसी को पता चली तो उनकी जान ले ली जाएगी। या ये कह कर लड़कियों को चुप करवा दिया गया था कि उनके घरवालों को नुकसान पहुँचाया जाएगा।
CMD ने बनाया हवस का शिकार
इसी बीच छपरा वाली पीड़ित महिला को भी अब कंपनी की सच्चाई पता चल चुकी थी और वो भी कंपनी के CMD तिलक सिंह की हवस का शिकार हो चुकी थी। पीड़िता का कहना है कि मुजफ्फरपुर में रहते हुए भी तिलक सिंह ने उसके साथ जोर जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बना। और जब वो गर्भवती हुई तो जबरदस्ती उसका भी अबॉर्शन करा दिया गया।
जॉब का लालच देकर बुलाया जाता
तब पीड़ित महिला ने कंपनी के फर्जीवाड़े के बारे में पुलिस में शिकायत करने का इरादा किया और मुजफ्फरपुर के अहियापुर के थाने में जाकर अपना किस्सा सुना दिया। पीड़ित का कहना है कि हॉस्टल में लड़कियों को बंधक बना लिया जाता। चारों तरफ उसके आदमी तैनात रहते जिनकी नजरों से बचकर कोई भी लड़की या महिला वहां से भाग नहीं सकती थी। इतना ही नहीं, डरा धमकाकर और पैसों का लालच देकर लड़कियों से फोन करवाए जाते और रिश्तेदारों में मौजूद लड़कियों को जॉब का लालच देकर बुलाया जाता और उनका यौन शोषण किया जाता। पीड़ित का कहना यही थता कि वो किसी भी सूरत में नहीं चाहती थी कि जैसा उसके साथ हुआ नहीं चाहती थी कि जैसे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया। उस तरह किसी और लड़की के साथ न हो। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर पुलिस की चाक चौबंद बंदोबस्त का दावा होने के बावजूद मुजफ्फरपुर जैसे शहर में इस तरह का रैकेट चल कैसे रहा था?
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