पन्नू की हत्या की साजिश में RAW के अफसर विक्रम यादव थे सीसी-1? गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का US मीडिया का नया दावा 

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पन्नू की हत्या की साजिश में RAW के अफसर विक्रम यादव थे सीसी-1? गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का US मीडिया का नया दावा 
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India RAW News: अमेरिका में विक्रम यादव नामक रॉ अधिकारी सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे और इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी। मीडिया की एक खबर में यह दावा किया गया है। पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक है और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता है। एसएफजे का उद्देश्य एक अलग सिख राष्ट्र के विचार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है।

पन्नू की हत्या की 'साज़िश

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार की एक खबर में कहा गया है, ‘‘उत्तरी अमेरिका में भारत के इस अभियान से पश्चिमी देशों के सुरक्षा अधिकारी स्तब्ध रह गए।’’ अखबार की खबर में कहा गया है, ‘‘यादव की पहचान और संबद्धता पहले सामने नहीं आ पाई थी। यह खोजी रिपोर्ट आज तक का सबसे ठोस सबूत प्रदान करती है कि हत्या की साजिश भारतीय जासूसी एजेंसी ने रची थी जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया।’’ खबर में कहा गया कि पश्चिमी देशों के वर्तमान और पूर्व सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, रिसर्च एंड एनालिसस विंग (रॉ) के शीर्ष अधिकारियों को भी सीआईए, एफबीआई और अन्य अमेरिकी एजेंसियों की व्यापक जांच के तहत अभ्यारोपित किया गया है।

वॉशिंगटन पोस्ट की ताज़ा रिपोर्ट

द वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार का स्वामित्व ‘अमेजन’ के संस्थापक और अरबपति कारोबारी जेफ बेजोस के पास है। अखबार की खबर में कहा गया कि वह सीमा पार ऐसे मामलों में वृद्धि की पड़ताल कर रहा है। इस खबर के लिए ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकारों ने नयी दिल्ली, वाशिंगटन, ओटावा, लंदन, प्राग और बर्लिन में अधिकारियों, विशेषज्ञों के अलावा दर्जनों लोगों के साक्षात्कार किए। अखबार ने दावा किया, ‘‘अमेरिकी सरकार की आंतरिक रिपोर्ट में, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आकलन है कि पन्नू को निशाना बनाने वाले अभियान को उस समय रॉ प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।’’

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रिपोर्ट को भारत ने बताया निराधार

खबर में कहा गया कि यह निष्कर्ष पूर्व वरिष्ठ भारतीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुरूप है जिन्हें अभियान का पता था और बताया गया कि गोयल विदेशों में सिख चरमपंथियों के कथित खतरे को खत्म करने के लिए अत्यधिक दबाव में थे। इसमें कहा गया, ‘‘अमेरिकी जासूसी एजेंसियों ने फिलहाल आकलन किया है कि प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को शायद रॉ की सिख कार्यकर्ताओं को खत्म करने के इरादे के बारे में पता था, लेकिन अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि कोई परिस्थितिजन्य सबूत सामने नहीं आया है।’’

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में क्या है?

अधिकारियों के हवाले से ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा, हत्या की नाकाम कोशिश एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के खिलाफ रॉ के बढ़ते आक्रामक अभियान का हिस्सा थी। अमेरिका में पन्नू को मारने की कथित साजिश पिछले साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को हुई घातक गोलीबारी के साथ मेल खाती है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों के अनुसार वह अभियान भी यादव से जुड़ा था। अखबार की खबर में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने यादव के खिलाफ कोई आरोप लगाने से परहेज किया है।

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अमेरिका के आरोप निखिल गुप्ता का नाम

भारत सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की साजिश संबंधी आरोपों को गंभीरता से ले रहा है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी लेकिन उसने इस मामले में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की जांच और न्याय विभाग द्वारा दायर आपराधिक मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे की सोमवार को ये टिप्पणियां मीडिया में उस खोजी खबर के बीच आयी है जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका में विक्रम यादव नामक रॉ अधिकारी पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे और इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।

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पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक

पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक है और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता है। एसएफजे का उद्देश्य एक अलग सिख राष्ट्र के विचार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर के बारे में पूछे जाने पर ज्यां-पियरे ने कहा कि जांच की जा रही है और न्याय विभाग आपराधिक जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और ‘‘हम कई क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। पन्नू की हत्या की कथित साजिश पर खोजी रिपोर्ट के बारे में ज्यां-पियरे ने कहा, ‘‘हमने इस पर लगातार चर्चा की है और कई बार अपनी बात रखी है, चाहे यहां प्रधानमंत्री के साथ बैठक में हो या विदेश में किसी बैठक में हो।’’

कनाडा में निज्जर की हत्या 

उन्होंने कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है और हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। भारत सरकार ने हमसे बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं और इसकी जांच कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच के आधार पर सरकार से जवाबदेही की उम्मीद करते हैं। लेकिन हम अपनी चिंताओं को उठाते रहेंगे। यह रुकने वाला नहीं है। हम सीधा भारत सरकार के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाते रहेंगे।’’ अमेरिका में पन्नू को मारने की कथित साजिश पिछले साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को हुई घातक गोलीबारी के साथ मेल खाती है।

US मीडिया का नया दावा 

पश्चिमी देशों के अधिकारियों के अनुसार वह अभियान भी यादव से जुड़ा था। वाशिंगटन पोस्ट की खबर में यह भी कहा गया है कि हत्या की दोनों साजिश पाकिस्तान में हिंसा बढ़ने के बीच रची गयी जहां निर्वासन में रह रहे और नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा आतंकवादी करार दिए गए कम से कम 11 सिख या कश्मीरी अलगाववादियों की पिछले दो साल में हत्या कर दी गयी है। पन्नू मामले में अमेरिका द्वारा लगाए आरोपों की जांच के बारे में पूछे जाने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले सप्ताह कहा था ‘‘हमने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति अमेरिका द्वारा हमसे साझा की गयी सूचना पर गौर कर रही है क्योंकि इसका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी समान रूप से प्रभाव पड़ता है।

RAW के अफसर विक्रम यादव थे 

अमेरिका अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक खबर में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी का नाम लिए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को भारत ने कहा कि खबर में एक गंभीर मामले में ‘‘अवांछित और निराधार’’ आरोप लगाए गए हैं। अखबार ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से पन्नू की कथित हत्या की साजिश के संबंध में एक रॉ अधिकारी का नाम लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘रिपोर्ट में एक गंभीर मामले में अवांछित और निराधार आरोप लगाए गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों तथा अन्य के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा साझा की गईं सुरक्षा चिंताओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जिसकी जांच जारी है।

क्या था पूरा मामला?

जायसवाल वाशिंगटन पोस्ट की इस खबर पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर काल्पनिक और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों की जरूरत नहीं है।’’ पिछले साल नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका में सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक आधिकारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था। भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सात दिसंबर को संसद में कहा था कि भारत ने इस मामले में अमेरिका से प्राप्त सूचना की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है क्योंकि इस मामले से देश के राष्ट्रीय हित भी जुड़े हैं।

(PTI)

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