चौथे फेरे के बाद ही दुल्हन का बदला मूड, खोली गांठ, बोली नहीं करनी शादी
कानपुर में एक दुल्हन ने ऐन फेरों के वक्त अपना मूड बदला और चार फेरों के बाद गांठ खोल दी और शादी से ही इनकार कर दिया
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Kanpur Bride: आमतौर पर शादी वाले रोज दुल्हन शर्माती है और उससे जो जो रस्म पूरी करने को कहा जाता है, वो खामोशी से सब करती जाती है। लेकिन कानपुर में एक बारात में दुल्हन ने जो किया, तो पूरा कानपुर चौंककर खड़ा हो गया।
चौथे फेरे के बाद शादी से इनकार
असल में कानपुर में एक शादी में बाराती उस वक़्त बुरी तरह हैरान रह गए जब दुल्हन ने चौथा फेरा लेने के बाद ही शादी से इनकार कर दिया। और उसके बाद दुल्हन ने जो अपना रौद्र रुप दिखाया तो फिर वहां किसी की हिम्मत भी नहीं पड़ी कि दुल्हन से बहस करसके। दुल्हन ने बाकायदा मंडप पर चुनरी की गांठ खोली और पैर पटकती हुई वहां से सीधे अपने कमरे में चली गई। दुल्हन की इस हरकत के बाद पूरे मोहल्ले में इसी की बात और हर किसी की जुबान पर दुल्हन का जिक्र था। दिन भर पंचायत चली, मगर दुल्हन शादी को तैयार ही नहीं हुई।
टका सा दिया दुल्हन ने जवाब
दुल्हन से जब शादी तोड़ने की वजह पूछी गई तो उसने बताया कि उसने पहले ही दूल्हे को फोन पर कह दिया था कि बारात लेकर नहीं आना नहीं तो बेइज्जत हो जाओगे, लेकिन ये लोग नहीं मानें। दुल्हन को समझाने की बहुत कोशिश हुई लेकिन आखिर में दूल्हे को बिना दुल्हन के ही अपनी बारात लौटाकर ले जानी पड़ी।
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सारी रस्में पूरी हुईं
चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित एक गांव निवासी किसान की बेटी की शादी कानपुर देहात के रूरा में तय हुई थी। शादी से पहले गोद भराई, बरिच्छा और तिलक की रस्में अदा की जा चुकी थीं। मंगलवार को बैंड-बाजे के साथ बारात पहुंची। लड़की पक्ष के लोगों ने बारातियों का स्वागत किया। इसके बाद द्वाराचार और जयमाल की रस्में भी हो गईं।
चौथे फेरे के बाद खोल दी गांठ
कानपुर में बाराती उस समय हैरान रह गए जब दुल्हन ने चौथा फेरा लेने से इनकार कर दिया। दुल्हन का उग्र रूप देखकर दूल्हा समेत सभी रिश्तेदार हैरान रह गए। दुल्हन सात फेरों की गांठ खोलकर बोली शादी नहीं करनी है। इसके बाद अपने कमरे में चली गई। पूरे दिन पंचायत चलती रही, लेकिन दुल्हन शादी के लिए तैयार नहीं हुई। दुल्हन का कहना है कि मैंने पहले फोन पर कहा था कि बारात लेकर नहीं आना। दोनों पक्षों में समझौते के बाद बारात बिना दुल्हन के ही लौट गई।
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बहुत मनाया मगर नहीं मानी
सुबह के समय पंडित जी अग्नि के सामने दूल्हा दुल्हन के सात फेरों की रस्म पूरी करवा रहे थे। दुल्हन ने तीन फेरे तो ले लिए, मगर चौथा फेरा लेने से मना कर दिया। रिश्तेदारों के बीच दुल्हन ने शादी करने से ही मना कर दिया। और चुनरी की गांठ को खोलकर सीधे अपने कमरे में चली गई। घरवालों ने जब शादी नहीं करने की वजह पूछी तो उसने साफ कह दिया कि मुझे यह शादी नहीं करनी है। घरवाले और रिश्तेदार दुल्हन को समझाने की कोशिश में जुट गए, मगर दुल्हन टस से मस नहीं हुई, अपने फैसले पर टिकी रही।
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मामला जब पहुँच गया थाने
जब बात नहीं बनी तो मामला चौबेपुर थाने पहुंच गया। इसके बाद दोनों पक्षों में पंचायत शुरू हुई, जिसमें गांव के बड़े बुजुर्ग, पुलिस और दोनों पक्षों के रिश्तेदार शामिल हुए। दुल्हन ने भरे समाज में कह दिया कि मैंने पहले ही दूल्हे से फोन करके बारात नहीं लाने के लिए कहा था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक दूसरे को दिए गए गिफ्ट और नकदी की वापस करने पर सहमति बन गई। अब दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हो गया। इसके बाद बारात बिना दुल्हन के ही लौट गई।
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